
धर्म गुरुओं के सहयोग से डिप्थीरिया पीड़ित बच्चों का शुरू हुआ उपचार
– बच्चों को समय से जरूरी टीके अवश्यक लगवाएं : एसीएमओ
सीतापुर। नियमित टीकाकरण से वंचित बच्चों को टीका से प्रतिरक्षित करने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग अति सतर्क है। इसी क्रम में स्वास्थ्य टीम ने गुरुवार को शहर के मोहल्ला चौबे टोला का भ्रमण किया। टीम ने यहां पर टीकाकरण से इंकार करने वाले परिवारों से मुलाकात की और धर्म गुरुओं से साथ उनकी काउंसलिंग की। इसके बाद इन परिवार के लोग अपने बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण और टीकाकरण को तैयार हुए।
स्वास्थ्य परीक्षण के बाद सबीना (13 वर्ष) पुत्री हनीफ और राजेश (5 वर्ष) पुत्र विष्णु चौधरी को डिप्थीरिया से पीड़ित पाया गया। यह दोनों बच्चे नियमित टीकाकरण से वंचित थे। इन दोनों बच्चों का उपचार शुरू करा दिया गया है। अन्य बच्चों को आवश्यक टीके लगाए गए। इस मौके पर एसीएमओ (प्रतिरक्षण) डॉ. पीके सिंह, डॉ. उदय प्रताप, डॉ. राजेश श्रीवास्तव सहित धर्मगुरू मो. वाहिद अली, मो. सलमान, बदरे आलम, मो. सलमान, कारी वसीक अहमद, अब्दुल रहमान खान, मो. जुबैर आदि मौजूद रहे।
एसीएमओ (प्रतिरक्षण) डॉ. पीके सिंह का कहना है कि बच्चों को अन्य बीमारियों से बचाने के लिए समय से निर्धारित टीके लगवाना बहुत ही जरूरी है। उन्होंने बताया कि कोरोना कर्फ्यू में भी टीकाकरण जारी रहा। ऐसे में माता-पिता अपने बच्चों को आकर टीका अवश्य लगवाएं। इससे वह पोलियो, हेपेटाइटिस, टीबी, गला घोंटू,काली खांसी, और टिटनेस,दिमागी बुखार,दस्त,खसरा, जैसी बीमारियों से सुरक्षित रहेंगे। साथ ही जिन बच्चों को बूस्टर का टीका नहीं लगा है वह भी लगवा लें। सभी अभिभावकों को टीका समय से लगवाना चाहिए। उन्होंने बताया कि यह टीके जिला महिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और एएनएम केन्द्रों पर लगाये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत भारत सरकार द्वारा निःशुल्क टीकाकरण किया जा रहा है, जिसमें डिप्थीरिया, काली खांसी, हिपेटाइटिस बी, मेनिंजाइटिस, टिटेनस, पोलियो, टीबी, खसरा व निमोनिया (हेमोफिल्ट्स इंफ्लुएंज़ा टाइप बी संक्रमण) तथा यूआईपी के तहत नए टीके जैसे रोटा वायरस, आईपीवी , वयस्क जेई का टीका, न्यूमोकोकल कंजुगेट टीका (पीसीवी) और खसरा-रूबेला (एम-आर) के टीके बच्चों को लगाए जा रहे हैं।
इनसेट —
शिशु को कब, कौन टीका लगेगा —
बीसीजी – जन्म के समय या फिर जन्म के एक साल के अंदर
हेपेटाइटिस बी (बर्थ डोज) – जन्म के समय या फिर जन्म के एक साल के अंदर
ओपीवी- 0 – जन्म के समय या फिर जन्म के 15 दिन के अंदर
ओपीवी- 1 – जन्म के 6 सप्ताह में
ओपीवी- 2 – जन्म के 10 सप्ताह में
ओपीवी- 3 – जन्म के 14 सप्ताह में
पी सी वी,आईपीसी ,पेंटावेलेंट- 1 – जन्म के 6 सप्ताह में
पेंटावेलेंट 2 – जन्म के 10 सप्ताह में
पीसीवी,आईपीसी,पेंटावेलेंट- 3 – जन्म के 14 सप्ताह में
पीसीवी बूस्टर, जे ई,एम आर – जन्म के 9 माह से लेकर 12 माह के मध्य
विटामिन ए, पहली खुराक – जन्म के 9वें माह पर एम आर के टीके के साथ