महाराष्ट्र समेत दूसरे राज्यों में जहां लाउडस्पीकर को लेकर घमासान मचा हुआ है, वहीं उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने दोनों पक्षों की सहमति से शानदार काम किया है।उत्तर प्रदेश में धर्मगुरुओं से समन्वय बनाकर धार्मिक स्थलों से अतिरिक्त लाउडस्पीकर हटाए जा रहे हैं या फिर उनकी आवाज कम की जा रही है। कई स्थानों पर तो लोग खुद आगे आकर इस कार्य में सहयोग कर रहे हैं।
लाउडस्पीकर की आवाज को लेकर उपजे विवाद के बाद उत्तर प्रदेश में इसे लेकर बेहद संवेदनशीलता से कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों की आवाज परिसर के भीतर ही रहने के निर्देशों के बाद पुलिस ने कार्रवाई के कदम बढ़ाये हैं।
उत्तर प्रदेश में तीन दिनों में युद्ध स्तर पर की जा रही कार्रवाई के तहत धार्मिक स्थलों से 21963 लाउडस्पीकर उतरवाये गये हैं। इतना ही नहीं, निर्धारित मानकों के अनुरूप 42 हजार 332 से अधिक लाउडस्पीकरों की आवाज धीमी कराई गई है।
गृह विभाग ने हाई कोर्ट के आदेश के तहत प्रदेश में ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 के प्रविधानों का कड़ाई से अनुपालन कराये जाने का निर्देश दिया था। जिसके बाद सभी जिलों में स्थानीय प्रशासन व पुलिस धर्मगुरुओं से वार्ता कर यह कार्रवाई सुनिश्चित कराई जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार रात वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान भी अधिकारियों को लाउडस्पीकर को लेकर प्रभावी कार्रवाई किये जाने के सख्त निर्देश दिये थे। उन्होंने किसी नये स्थान पर लाउडस्पीकर लगाये जाने की अनुमति दिये जाने पर भी रोक लगा दी थी।
उत्तर प्रदेश में बुधवार शाम तक 10923 लाउडस्पीकर उतरवाये गये थे, जबकि 35221 लाउडस्पीकरों की आवाज कम कराई गई थी। शुक्रवार शाम तक यह कार्रवाई लगभग दो गुना हो गई। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि 29 हजार 808 धर्मगुरुओं से वार्ता की गई है।
उन्होंने कहा कि समन्वय बनाकर लाउडस्पीकर को लेकर कार्रवाई के साथ ही ईद व अक्षय तृतीय पर शांति-व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुख्ता बंदोबस्त किये जा रहे हैं। डीजीपी मुख्यालय स्तर से हर जोन व पुलिस कमिनरेट में की जा रही कार्रवाई की मानीटरिंग की जा रही है। शासन के निर्देशों के अनुरूप 26 अप्रैल से अब तक लगभग 22 हजार लाउडस्पीकर उतरवाये गये हैं और 42 हजार 332 से अधिक लाउडस्पीकरों की आवाज धीमी कराई गई है