
यदि आप चांद, तारों और खगोलीय पिंडों से जुड़ी जानकारी में रुचि रखते हैं तो आने वाली 24 अप्रैल की तारीफ आपके लिए खास हो सकती है क्योंकि 24 अप्रैल को हमारे सौर मंडल के 4 ग्रह एक साथ बगैर दूरबीन के देखे जा सकते हैं।आम तौर पर हमारी धरती से अंतरिक्ष में मौजूद ग्रहों व तारों को देखने के लिए उन्नत दूरबीन और वैज्ञानिक उपकरणों की आवश्यकता होती है, लेकिन 24 अप्रैल को आप अपने घर की छत से बगैर किसी दूरबीन के भी सौरमंडल के आठ में से चार ग्रहों को अपनी छत से देख सकते हैं। खगोल वैज्ञानिकों के मुताबिक 24 अप्रैल को बृहस्पति, मंगल, शनि के साथ-साथ शुक्र ग्रह को आसमान में एक रेखा में देखा जा सकता है।
चार ग्रहों के साथ में दिखाई देगा चंद्रमा
खगोल वैज्ञानिकों के मुताबिक चार ग्रहों के साथ-साथ धरती का प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा भी दिखाई देगा। खगोल विज्ञान में इस अद्भुत नजारे को ‘ग्रह संरेखण’ कहा जाता है, ऐसी खगोलीय घटना तब देखने को मिलती है, जब सौरमंडल के ग्रहों की कक्षाएं पृथ्वी से देखे गए आकाश के क्षेत्र में आती हैं। कई बार धरती से सबसे दूर के ग्रह यूरेनस को भी देखा जा सकता है लेकिन इस बार यूरेनस नहीं दिखाई देगा।
जून के बाद बुध भी होगा इसी पथ पर
मिली जानकारी के मुताबिक जून के मध्य में बुध ग्रह भी इन चारों ग्रहों की रेखा में शामिल हो जाएगा। हालांकि हमारी धरती से सौर मंडल के अन्य ग्रहों का दिखना कोई दुर्लभ नहीं है, लेकिन यह सामान्य घटना भी नहीं है। पिछली बार 5 ग्रहों को एक साथ पृथ्वी से 2020 में और उससे पहले साल 2016 और 2005 में देखा गया था। ग्रहों के संरेखण के लिए सौर मंडल के विभिन्न ग्रहों की कक्षाओं का समय बहुत महत्वपूर्ण है। शुक्र, मंगल और शनि मार्च के अंत से एक साथ हैं, लेकिन ज्यूपिटर अप्रैल के मध्य में रेखा में शामिल हो गया।
आसमान में ऐसे खोजें चारों ग्रह
यदि आप भी इस खगोलीय घटना को अपने घर की छत से देखना चाहते हैं और इन चारों ग्रहों को आसमान में देखना चाहते हैं तो इन्हें खोजना काफी आसान है। दरअसल पृथ्वी का कोण और सूर्य का प्रकाश इन ग्रहों को खोजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। रविवार को सूर्य उदय होने से पहले इन ग्रहों को कुछ देर के लिए देखा जा सकता है। इन ग्रहों को आकाश में खोजने का सबसे आसान तरीका चंद्रमा से शुरू करना होगा, शनि, मंगल, शुक्र और अंत में बृहस्पति को एक तिरछी रेखा में देखा जा सकता है, जिसका प्रारंभिक बिंदु चंद्रमा है, जो इस रेखा का अंतिम खगोलीय पिंड होगा।