योगी आदित्यनाथ के इस बयान की चर्चा इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब हो रही है.
इस बयान में वो एक प्लेन में बैठे हैं और खिड़की से अपनी चुनावी सभा को दिखाते हुए बुको बीजेपी नेता अरुण यादव ने अपनी टाइमलाइन पर ये 7 सेकेंड का वीडियो पोस्ट किया था.
भारत की राजनीति में बुलडोजर को नई पहचान दिलाने का श्रेय योगी आदित्यनाथ को ही दिया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश का ‘बुलडोजर राज’
यूं तो सिविक एजेंसियां अवैध निर्माण गिराने के लिए सालों से बुलडोजर का इस्तेमाल कर रही थीं. लेकिन अब भारत में बहस बुलडोजर के राजनीतिक इस्तेमाल पर हो रही है.
उत्तर प्रदेश में 37 साल बाद बीजेपी की पूर्ण बहुमत के साथ लौटी तो जानकारों ने श्रेय केंद्र सरकार की फ्री राशन स्कीम को दिया और राज्य सरकार की मज़बूत क़ानून व्यवस्था को.
यूपी में क़ानून का राज लौटा इसका क्रेडिट ख़ुद योगी आदित्यनाथ ‘बुलडोजर’ को देते थे. कई रैलियों में वो कहते सुने गए ‘राज्य में अपराधियों को बुलडोजर का ख़ौफ है.”
योगी आदित्यनाथ की दूसरी बार यूपी में जीत के बाद राज्य में बुलडोजर रैलियां निकाली गई. कानपुर में गैंगस्टर विकास दुबे के घर जब बुलडोजर से ढहाया गया, उसकी तस्वीरें भी योगी राज में खूब वायरल हुई.
उत्तर प्रदेश से होते हुए मध्य प्रदेश पहुँचा ‘बुलडोजर’
यूपी में योगी सरकार की सफ़लता के इस फॉर्मूले को बाक़ी राज्य में ‘विनिंग फॉर्मूले’ के तौर पर शायद देखा जाने लगा है.
मध्य प्रदेश में खरगोन ज़िले में रामनवमी के दौरान हुई हिंसा, उसके बाद हिंसा में कथित तौर पर शामिल लोगों के घरों और दुकानों पर राज्य सरकार ने बुलडोज़र चलवाने का फ़ैसला किया.
राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा “जिन घरों से पत्थर आए हैं, उन घरों को पत्थर का ढेर बनाएंगे” और अपने फ़ैसले को सही ठहराया.
मध्य प्रदेश के बाद गुजरात में भी ‘बुलडोजर’
लेकिन योगी आदित्यनाथ का ‘बुलडोजर फॉर्मूला’ मध्यप्रदेश में ही नहीं रुका.
गुजरात के खंभात में रामनवमी के दौरान हिंसा हुई.
राज्य सरकार पर आरोप है कि हिंसा के बाद जो अभियुक्त पुलिस ने पकड़े उनके सगे-संबंधियों की छोटी दुकानें 15 अप्रैल को बुलडोजर से तोड़ी गई.
गुजरात के बाद दिल्ली पहुँचा ‘ऑपरेशन बुलडोजर’
दिल्ली में रामनवमी शांतिपूर्ण तरीके से बीती. लेकिन हनुमान जयंती पर जहांगीरपुरी में हिंसा हुई. हिंसा के लिए ज़िम्मेदार बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों की अवैध शरणार्थियों को ठहरा रहे हैं.
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने हिंसा के लिए जिम्मेदार दंगाइयों के अवैध कब्ज़े को तोड़ने के लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम से माँग की. तो निगम अधिकारी अगले ही दिन बुलडोजर लेकर जहांगीरपुरी पहुँच गए. कुछ घंटों तक उनकी कार्रवाई चली, लेकिन फिर कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद उसे रोक दिया गया.ल