सप्त दिवसी श्रीमद् भागवत कथा हुई संपन्न

सप्त दिवसी श्रीमद् भागवत कथा हुई संपन्न

नैमिष टुडे
अभिषेक शुक्ला

बर‌ई जलालपुर-: शाहपुर गांव में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा बुधवार को संपन्न हुई। यह श्रीमद् भागवत कथा 7 नवंबर से शुरू हुई थी कथा का वाचन अयोध्या धाम से आए स्वामी कृष्णानंद महाराज ने किया । कथा के अंतिम दिन कथाव्यास कृष्णानंद महाराज ने राजा परीक्षित के मोक्ष की कथा सुनाई बताया कि एक बार राजा परीक्षित आखेट करते हुए वनों में काफी दूर चले गए। उनको प्यास लगी पास तो ऋषि के आश्रम में पहुंचे और बोले ऋषिवर मुझे पानी पिला दो। लेकिन, ऋषि ध्यान में थे इसलिए पानी नहीं पिला सके, परीक्षित ने सोचा की इसने मेरा अपमान किया है। इस पर राजा ने मरा हुआ सर्प ऋषि के गर्दन में डाल दिया। ऋषि के बेटे को जानकारी हुई तो उन्होंने श्राप दिया कि जिसने पिता की गर्दन में सांप डाला है आज से सातवें दिन तक्षक नाग के काटने से उसकी मौत हो जाएगी। ऋषि को जब यह पता चला तो उन्होंने अपनी दिव्य दृष्टि से देखा कि यह तो धर्मात्मा राजा परीक्षित है और यह अपराध इन्होंने कलयुग के वशीभूत होकर किया है। यह सूचना परीक्षित को दी। कि आज से सातवें दिन तक्षक नामक सर्प तुम्हें डसेगा। यह सुनकर परीक्षित दुखी नहीं हुए ,और अपना राज्य अपने पुत्र जन्मेजय को सौंप कर गंगा के तट पर पहुंचे। वहां पर बड़े-बड़े ऋषि मुनि देवता पहुंचे और अंत में सुखदेव वहां पहुंचे। सुखदेव संसार में भागवत का ज्ञान देने के लिए ही प्रकट हुए हैं। मोक्ष की प्राप्ति के लिए राजा को श्रीमद्भागवत कथा सुनाई गई। राजा परीक्षित मोक्ष की कथा सुन दर्शक भाव विभोर हो गए।
गुरुवार को कथा आयोजन गजराज पाल, प्रमोद पाल, रामनरेश पाल ,विशंभर पाल , के द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा।

 

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