
नगर पालिका की घोर लापरवाही के कारण इलाज के अभाव में हुई वृद्ध की मौत
सीतापुर,बिसवा नगर के मोहल्ला- महराजागंज/थाना तहसील 2 में जल निकासी की समुचित व्यवस्था न होने के कारण वार्ड का अधिकांश भाग पूरे बरसात भर पानी में डूबा रहता है। हालांकि यह समस्या कोई इसी वर्ष उत्पन्न नहीं हुई पिछले 15 वर्षों से यह समस्या बनी हुई है। हर बरसात में नगर पालिका द्वारा कुछ पम्पिंग सेट लगाकर पानी निकासी का आंशिक अस्थाई प्रयास किया जाता है परन्तु बरसात निकल जाने के बाद इस समस्या के स्थायी समाधान की तरफ कोई प्रयास नहीं किया जाता रहा है। भयानक जल भराव की वजह से यहां के निवासियों का जीना दुश्वार होता है।
नगर पालिका के द्वारा भी पम्पिंग सेट व उसकी व्यवस्था के नाम पर हर साल लाखों का वारा न्यारा किया जाता है और इस बार भी वही किया जा रहा है।
इस जलभराव के कारण आये दिन कोई न कोई चोटिल तो होता ही है तमाम लोगों को असमय ही जान भी गवांनी पड़ी रही है। तमाम लोग तो इसी कारण वहाँ से पलायन कर चुके हैं।
गोपाल कश्यप इसी वार्ड के निवासी थे, बुजुर्ग थे, थोड़ा बहुत स्वास्थ नरम रहता था परन्तु पुरानी खान पीन के चलते थोड़ा स्वस्थ रहते थे। रात में अचानक स्वाथ्य खराब हुआ चूंकि पहली ही बरसात में पूरा मोहल्ला बाढ़ग्रस्त सा हो गया है इसलिए परिजनों के लिए रात में ही उन्हें अस्पताल पहुँचाना थोड़ा मुश्किल सा था। परिजनों द्वारा रात बीतने का इंतज़ार किया गया लेकिन सुबह होने तक उन्होंने अंतिम सांसे ले लीं। परिजनों ने दोपहर में उनका अंतिम संस्कार कर दिया। आशीष गुप्ता शाम को मृतक के बड़े पुत्र से मिले, दुःख प्रकट किया व उनको सांत्वना दी व ईश्वर से प्रार्थना की कि मृत आत्मा को श्रीचरणों में स्थान दे।
बिल्कुल स्पष्ट है कि जलभराव से उत्पन्न हुई अव्यवस्था के कारण ही यह मौत हुई है फिर भी जिम्मेदार इसे अपनी गलती नहीं मान रहे हैं और इतना ही नहीं अपनी गलती छुपाने के लिए सुबह मृतक के पुत्र को 5 नम्बर टँकी पर बुलाया और ईश्वर जाने जो भी प्रलोभन दिया हो या जो भी अन्य कारण हो इस घटना में परिजनों को मुंह बंद रखने को कहा गया हालांकि उसमें वो सफल भी हो गए जिसका वीडियो है ‘उनके’ पास ।
हमने मुलाकात के दौरान जब मृतक के बेटे से पूंछा कि ये बताओ कि अगर जलभराव न होता तो क्या रात में अपने पिता जी को लेकर अस्पताल न गए होते ? तो उसने कहा- *’जरूर जाते’* ।।
तो हम तो इस घटना को नगर पालिका की लापरवाही के कारण इलाज के अभाव में हुई मौत ही कहेंगे, बाकी नगर पालिका के जिम्मेदार जरूर अपना पल्ला झाड़ सकते हैं।