*कछौना, हरदोई।* जिले में चलाए जा रहे विशेष प्रवर्तन अभियान के अंतर्गत वुधवार को जिला आबकारी अधिकारी कुंवर पाल सिंह के नेतृत्व में आबकारी एवं पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा थाना-टड़ियावां के गोपामऊ कंजड़पुरवा, थाना-कोतवाली शहर के ग्राम-बरबटापुर, थाना-कछौना के ग्राम-पूरब खेड़ा, पूर्वी चौराहा कछौना, ठाकुरगंज थाना-मल्लावां के ग्राम-मिर्जापुर कंजड़बस्ती, नेवादा परस, थाना-पचदेवरा के ग्राम-उदयपुर में दबिश की कार्यवाही की गई। इस दबिश के दौरान सघन तलाशी में लगभग 365 लीटर अवैध कच्ची शराब एवं लगभग 675 किलोग्राम लहन बरामद हुई। शराब को कब्जे में लेते हुए लहन को मौके पर नष्ट कर दिया गया। आबकारी अधिनियम की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत 10 अभियोग पंजीकृत किये गये। इस कार्रवाई से अवैध कच्ची शराब माफियाओं में हड़कंप मच गया है।
बतातें चलें हमारे समाज में नशे को सदा बुराइयों का प्रतीक माना और स्वीकार किया गया है। लेकिन आजकल नशा यानी शराब पीना फैशन बनता जा रहा है। जबकि शराब को सभी बुराइयों की जड़ माना गया है। शराब के सेवन से मानव के विवेक के साथ सोचने समझने की शक्ति नष्ट हो जाती है। वह अपने हित-अहित और भले-बुरे का अंतर नहीं समझ पाता। गांधीजी ने कहा था कि शराब के सेवन से मनुष्य के शरीर और बुद्धि के साथ-साथ आत्मा का भी नाश हो जाता है। शराबी अनेक बीमारियों से ग्रसित हो जाता है। आंकड़े बताते हैं कि कुछ सालों में शराब सेवन में काफी इजाफा हुआ है। अमीर से गरीब और बच्चे से बुजुर्ग तक इस लत के शिकार हो रहे हैं। शराब के अतिरिक्त गांजा, अफीम और दूसरी नशीली चीजें भी काफी प्रचलन में हैं। शराब कानूनी रूप से प्रचलित है तो गांजा प्रतिबंधित होने के बावजूद कस्बे में काफी चलन में है। वहीं लोग इंजेक्शन के जरिए जानलेवा ड्रग के शिकार हैं। आखिर में सवाल उठता है यह सब किसके संरक्षण में हो रहा है और इन पर कार्यवाही क्यों नहीं होती है?