फुटवेयर्स बनाने वाली एक प्रसिद्घ कंपनी ने अफ्रीका में कारोबार फैलाने के उद्देश्य से अपने दो सेल्समेन को वहां भेजा। कुछ दिनों तक सर्वे करने के बाद दोनों ने कंपनी को अपनी-अपनी रिपोर्ट भेजी। एक ने रिपोर्ट में लिखा, यहां लोग जूते नहीं पहनते, इसलिए व्यापार की कोई संभावना नहीं हैं। वहीं, दूसरे ने कंपनी को बताया, यहां कोई जूते नहीं पहनता, इसलिए बिज़नेस की अच्छी संभावनाएं हैं।
यह किस्सा बताता हैं कि जो व्यक्ति जैसा होता हैं, उसे स्थितियां वैसी ही नज़र आती हैं। आशावादी जहां हर परिस्थिति में अपने लिए संभावनाएं देखते हैं, वहीं निराशावादी हाथ में आया मौका गंवा देते हैं। इसलिए सोच हमेशा सकारात्मक होनी चाहिए। यहीं जि़ंदगी में आगे ले जाता हैं और इसके दम पर ही बड़ी से बड़ी लड़ाई जीती जाती हैं। अगर आप अकसर निराशा के भंवर में फंस जाते हैं और अगर आशावाद बनना चाहते हैं तो यहां बताई जा रही बातें आपके लिए उपयोगी साबित हो सकती हैं।
किसी भी हाल में नकारात्मक विचार मन में न आने दें। यदि कभी ऐसा महसूस हो, तो कुछ छोटे-छोटे उपाय आज़माएं। जैसे उन चीज़ों के बारे में सोचें, जो आपको खुशी देते हैं। अपनी उपलब्धियों पर गौर करें। अच्छे कार्यों के लिए अपनी पीठ थपथपाएं। खुशी मिलने के साथ-साथ नकारत्मकता दूर होगी।