उत्तर प्रदेश के लिए योगी ही उपयोगी हैं, इस विश्वास के साथ भाजपा नेतृत्व ने योगी आदित्यनाथ को दोबारा प्रदेश की सत्ता सौंपी तो इस बार कई नए खिलाड़ियों की टीम भी दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में योगी ने अपने मंत्रिपरिषद के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। कई मिथक तोड़कर प्रदेश में लगातार दूसरी बार सरकार बनाने वाली भाजपा ने इस बार सभी को अचंभित करते हुए दिग्गज का तमगा लिए पिछली सरकार के कई बड़े मंत्रियों को किनारे कर दिया। कुल 22 पुराने मंत्रियों को बदलकर 32 नए चेहरों के साथ नई सरकार बनाई है।
चुनाव परिणामों से इतर पार्टी के ‘रिपोर्ट कार्ड’ में अच्छी रैंकिंग लाने वाले केशव प्रसाद मौर्य फिर उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं तो डा. दिनेश शर्मा के स्थान पर ब्रजेश पाठक को डिप्टी सीएम बनाया गया है। इस 53 सदस्यीय मंत्रिमंडल में पिछड़ों पर विशेष प्रेम लुटाते हुए जिस तरह सभी जाति-वर्गों को साधने का प्रयास दिखा है, वह स्पष्ट रूप से लोकसभा चुनाव 2024 की मजबूत तैयारी भी है।
राजधानी लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में शुक्रवार को योगी सरकार 2.0 का ऐतिहासिक शपथ ग्रहण समारोह हुआ। प्रदेश की राजनीति में 37 वर्ष बाद भाजपा ने लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी का रिकार्ड बनाया तो पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद दोबारा शपथ लेने का इतिहास योगी ने रच दिया। पीएम मोदी की उपस्थिति में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने योगी और उनके नए मंत्रिमंडल को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री, दो उपमुख्यमंत्री सहित 19 कैबिनेट मंत्री, 14 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 20 राज्यमंत्री इसमें शामिल किए गए हैं।
शपथ ग्रहण समारोह से पहले तमाम अटकलें चल रही थीं, कई नाम मंत्री और उपमुख्यमंत्री पद के दावेदार बनाए जा रहे थे, लेकिन ज्यों ही समारोह का मंच सजा और उस पर शपथ लेने वाले कुर्सियों पर बैठना शुरू हुए तो लगभग सभी हतप्रभ रह गए। दरअसल, केशव प्रसाद मौर्य को दोबारा डिप्टी सीएम बनाए जाने की संभावना मजबूती से जताई जा रही थी, लेकिन उनके साथी उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा को हटाकर यह कुर्सी पिछली सरकार में विधि मंत्री रहे ब्रजेश पाठक को सौंपकर भाजपा ने चौंका दिया। हालांकि, पिछड़ा और ब्राह्मण वर्ग का संतुलन यथावत रहा।