
वैक्सीन के महत्व और सार्वजनिक स्वास्थ्य में इसकी भूमिका के प्रति जागरुकता बढ़ाने लिए हर साल 16 मार्च को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया जाता है। कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीन, विज्ञान का उपयोग कर विकसित की गई, जो सदियों से किताबों में रहा है। इन्हें एक्सपेरिमेंट के तौर पर नहीं बनाया गया था। यह सफल साबित हुईं क्योंकि यह विज्ञान के सभी चरणों से गुज़री।
इसके अलावा, कोविड-19 की वैक्सीन की निगरानी कई स्वास्थ्य संगठनों द्वारा की जाती है। इसके पीछे कारण है इस वायरस द्वारा दुनिया भर में फैली महामारी। इसलिए हर व्यक्ति का फर्ज़ बनता है कि वे वैक्सीनेशन ड्राइव का हिस्सा बने।
जिंदल नेचरक्योर इंस्टीट्यूट में सहायक मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डॉ. के. षणमुगम ने कहा, “वैक्सीन मानव शरीर को एक विशिष्ट बीमारी से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है। यह घातक बीमारियों को रोकने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है और टीकाकरण कार्यक्रम किसी भी राष्ट्र के सार्वजनिक स्वास्थ्य में एक बहुत ही अभिन्न भूमिका निभाते हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान भी वैक्सीन ही हमें आशा दे रही है। वैक्सीनेशन सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है, जिससे हम खुद को और अपने परिवार को गंभीर बीमारियों से बचा सकते हैं। वे हर साल दुनिया भर में 30 लाख मौतों को रोकती हैं।”