
उत्तर प्रदेश में दूसरी बार सरकार बनाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोबारा सरकार बनाने के साथ ही अब ‘ब्रांड योगी’ के तौर पर स्थापित हो चुके हैं। शासन और प्रशासन को चलाने के मामले में पूरी तरीके से परिपक्व योगी आदित्यनाथ का जादू अब सिर्फ उत्तर प्रदेश तक ही सीमित नहीं रहेगा।बल्कि उनकी ब्रांड योगी की इमेज का फायदा देश के अलग-अलग राज्यों में भाजपा लेने वाली है। योजना के मुताबिक आने वाले अलग-अलग राज्यों के विधानसभा चुनावों में योगी आदित्यनाथ की अपनी कड़क मिजाज और हिंदुत्ववादी छवि के साथ मैदान में उतारेगी और उन्हें एक मॉडल के तौर पर पेश कर चुनावी राज्यों में सत्ता पाने की राह तैयार करेगी।
वैसे हिंदुत्ववादी और फायरब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ की मांग उत्तर प्रदेश के साथ-साथ सभी चुनावी राज्यों में हमेशा सही रही है। लेकिन राजनीति के जानकार मानते हैं कि जिस तरीके से बीते पांच सालों में योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में कड़क मिजाज और बेहतरीन शासन किया, उससे उनकी छवि एक बहुत बड़े ब्रांड के तौर पर भाजपा में बनकर उभरी है। भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से जुड़े एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि योगी आदित्यनाथ की एक विशेष छवि के चलते वह पूरे देश में पहले से हमेशा से मांग में बने रहते थे। उक्त नेता का कहना है लेकिन बेहतर शासन और प्रशासन को चलाने के उनके मॉडल से अब आदित्यनाथ एक ब्रांड वैल्यू के तौर पर सामने आए हैं। वे कहते हैं उनकी इसी छवि को लेकर आने वाले दो सालों के भीतर होने वाले विधानसभा के अलग-अलग राज्यों के चुनावों में उनको एक बड़े ब्रांड के साथ उतारा जाएगा।
बड़े चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट करने की योजना
पार्टी के एक जिम्मेदार और वरिष्ठ नेता के गुजरात, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनावों में प्रधानमंत्री मोदी के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सबसे बड़े चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट करने की पूरी योजना है। उनका कहना है कि आमतौर पर दूसरे राज्यों में उन्हीं नेताओं को भेजा जाता है या तो उनके राज्य का बड़ा तबका उस चुनावी प्रदेश में रहता हो या फिर इतना बड़ा चेहरा हो जो किसी भी राज्य में जाकर अपने प्रभाव से जनता को बांध सकें।
भाजपा के रणनीतिकारों में शामिल एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि योगी आदित्यनाथ जिस तरीके से तमाम छवियों और तमाम मिथक को तोड़ कर दोबारा मुख्यमंत्री बने हैं वह एक मिसाल है। राजनीतिक जानकार हरीश उप्रेती के मुताबिक अगर आप उत्तर प्रदेश के पूरे चुनाव को देखें तो पाएंगे कि मोदी के चेहरे के साथ हमेशा योगी का चेहरा ही साथ में रहा। यही वजह है कि पूरे उत्तर प्रदेश में हर चुनावी जनसभा और रैलियों में योगी-मोदी का ही जिक्र होता था। उनका कहना है कि दूसरे राज्यों के चुनावों में अगर आप नजर डालेंगे तो पाएंगे कि भाजपा शासित राज्यों में मुख्यमंत्री का चेहरा उतना प्रभावी नहीं होता है जितना कि प्रधानमंत्री मोदी का रहता है। लेकिन उत्तर प्रदेश में ऐसा नहीं हुआ। यहां पर जितना मोदी का चेहरा काम करता रहा उतना ही योगी का चेहरा भी काम कर रहा था।
कड़क मिजाज छवि और बड़ा हिंदुत्व चेहरा
राजनीतिक विश्लेषक ओपी मिश्रा वह कहते हैं योगी आदित्यनाथ भाजपा शासित राज्यों के ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं जिनकी पकड़ जितनी अपने राज्य में है उतनी ही दूसरे राज्यों में भी है। वे कहते हैं उसके पीछे योगी आदित्यनाथ की एक कड़क मिजाज छवि के साथ-साथ उनका हिंदुत्ववादी चेहरा सबसे बड़ी वजह में से एक है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं योगी आदित्यनाथ को जब पहली बार उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री बनाया गया था तो उनके पास सिर्फ एक सांसद के सिवा बहुत बड़े फलक पर नेतृत्व करने का अनुभव नहीं था। क्योंकि उनकी छवि एक बड़े फायर ब्रांड नेता के साथ-साथ हिंदुत्ववादी नेता के तौर पर जानी जाती थी। राजनीतिक विश्लेषक जटाशंकर सिंह कहते हैं कि योगी आदित्यनाथ ने अपने मुख्यमंत्री काल में भी अपने हिंदुत्ववादी छवि को बनाए रखा।
जटाशंकर सिंह के मुताबिक योगी आदित्यनाथ ने अपनी उस छवि को मुख्यमंत्री पद पाने के बाद भी घटने नहीं दिया। वह कहते हैं कि मुख्यमंत्री होने के बाद भी योगी आदित्यनाथ ने अपनी छवि से समझौता नहीं किया। भाजपा की रणनीतियों को बनाने वाले नेताओं में शुमार एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि निश्चित तौर पर योगी आदित्यनाथ की छवि उनको देश के अलग-अलग राज्यों में होने वाले विधानसभा के चुनावों में बहुत फायदा पहुंचाने वाली है। उक्त नेता का कहना है कि योगी आदित्यनाथ के बेहतरीन शासन के रोल मॉडल और हिंदुत्ववादी छवि के साथ-साथ कड़क मिजाज छवि भी अब अन्य राज्यों में पसंद की जाने लगी है। वे कहते हैं यही वजह है कि योगी आदित्यनाथ सरकार के बनाए गए कई कानूनों को भाजपा शासित अन्य राज्यों में भी लागू किया जा रहा है।
मोदी के बाद बड़ा चेहरा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ब्रांड योगी बनने के साथ साथ राजनीति में अब उन्हें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद दूसरे नंबर का बड़ा नेता माना जाने लगा है। राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि योगी आदित्यनाथ को जब 2017 में पहली बार मुख्यमंत्री बनाया गया था, तो यही आकलन किया गया था कि 2022 के चुनावी परिणाम किस तरीके से होंगे। लेकिन योगी आदित्यनाथ ने उन तमाम दकियानूसी मिथक और चले आ रहे हैं पुराने अनुमानों को भी दरकिनार करते हुए बंपर तरीके से सत्ता में वापसी की। ऐसे में उनकी प्रशासनिक क्षमता और सरकार की नीतियों से ही उनकी ना सिर्फ इमेज बेहतर हुई बल्कि राष्ट्रीय फलक पर एक बड़े चेहरे के तौर पर चमकने का मौका भी मिला। राजनीति के जानकार बताते हैं कि निश्चित तौर पर योगी आदित्यनाथ के लिए अब राजनीति का नया दौर शुरू हुआ है जो उनको नए राजनीतिक आयाम भी देगा। उनकी इसी इमेज को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने आने वाले विधानसभा के चुनावों में बड़े चेहरे के तौर पर सामने लाने की पूरी योजना बनानी शुरू कर दी है।