बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने कहा कि मुस्लिम समाज ने उत्तर प्रदेश में बार- बार आजमाई पार्टी बसपा से ज्यादा समाजवादी पार्टी (सपा) पर भरोसा कर बड़ी ‘भारी भूल’ की है।बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में नतीजे बसपा की उम्मीद के विपरीत आए, लेकिन पार्टी के नेता तथा कार्यकर्ताओं को इससे घबराने या निराश होने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘भाजपा को हराने के लिए मुस्लिम समाज ने बार-बार आजमाई हुई पार्टी बसपा पर भरोसा जताया है लेकिन इस बार मुस्लिम समाज का वोट सपा को चला गया। बसपा मुस्लिम समाज के इस रुख से सीख लेकर इस कड़वे अनुभव को खास ध्यान में रखकर अब अपनी रणनीति में बदलाव जरूर लाएगी।’गौरतलब है कि बसपा उत्तर प्रदेश में एक दशक से सत्ता से बाहर है और इस बार 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को महज एक सीट पर जीत मिली है। मायावती ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा, ‘चुनाव में पूरे उत्तर प्रदेश से मिली प्रतिक्रिया के मुताबिक जातिवादी मीडिया अपनी गंदी साजिशों, प्रायोजित सर्वेक्षण तथा लगातार नकरात्मक प्रचार के माध्यम से खासकर मुस्लिम समाज और भाजपा विरोधी हिंदू समाज के लोगों को यह दुष्प्रचारित कर गुमराह करने में सफल रही कि बसपा, भाजपा की ‘बी टीम’ है।’
बसपा प्रमुख ने कहा कि ऐसी बातें फैलायी गयीं कि बसपा, सपा के मुकाबले में कम मजबूती से चुनाव लड़ रही है, जबकि सच्चाई इसके विपरीत है क्योंकि भाजपा से बसपा की लड़ाई राजनीतिक के साथ- साथ सैद्धांतिक और चुनावी भी है।उन्होंने कहा, ‘मीडिया द्वारा लगातार इस प्रकार का दुष्प्रचार किए जाने और भाजपा के आक्रामक मुस्लिम विरोधी प्रचार से मुस्लिम समाज ने एकतरफा तौर पर सपा को ही अपना वोट दे दिया और बाकी भाजपा विरोधी ङ्क्षहदू वोट भी बसपा में नहीं आए।’
मायावती ने कहा कि अगर मुस्लिम समाज का वोट दलित समाज के वोट के साथ मिल जाता तो जिस तरह से पश्चिम बंगाल के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ मिलकर भाजपा को धराशायी करने का चमत्कारी परिणाम आया था, वैसे ही परिणाम उत्तर प्रदेश में भी दोहराये जा सकते थे। उन्होंने दावा किया, ‘केवल बसपा ही उत्तर प्रदेश में भाजपा को रोक सकती है। बसपा के खिलाफ दुष्प्रचार से पार्टी को बहुत नुकसान हुआ और बसपा समर्थक उच्च जाति, पिछड़ा वर्ग समाज तथा विभिन्न जातियों में यह संदेश गया कि सपा के सत्ता में आने से दोबारा यहां जंगल राज आ जाएगा, जिससे लोगों का वोट भाजपा की तरफ चला गया।’
मायावती ने जोर दिया कि गरीबों, असहायों, वंचितों और पीड़ित-कमजोर वर्गों के लोगों की भलाई के लिए पार्टी और उसकी गतिविधियों को फिर से बढ़ाना है तथा आगे चलकर सत्ता में भी वापसी करनी है। मायावती ने कहा कि वर्तमान चुनाव परिणाम बसपा के करोड़ों कार्यकर्ताओं की दिन- रात की कड़ी मेहनत का वाजिब फल कतई नहीं है, लेकिन बाबा साहब के अनुयाइयों को अपनी हिम्मत नहीं हारनी है, बल्कि अपना प्रयास और संघर्ष हर हाल में जारी रखना है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 2017 से पहले भाजपा की स्थिति खास अच्छी नहीं थी। इसी प्रकार, कांग्रेस पार्टी भी अब लगभग उसी हालत से गुजर रही है जिस खराब हालत से पहले भाजपा गुजर चुकी है। इसलिए बृहस्पतिवार को आए चुनाव परिणाम आगे के लिए सबक हैं।
उन्होंने बसपा कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि बुरा वक्त खत्म होने वाला है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि ऐसे हालात में संतोष की बात यह है कि दलित समाज खासकर मेरे समाज का वोट हमेशा की तरह बसपा के साथ रहा, जिन पर मैं कितना भी गर्व करूं तो वह कम ही होगा। मेरी उनसे अपील है कि वे अपना मनोबल कतई नहीं गिरने दें।