कोरोना के बाद भी अलीगढ़ के पारंपरिक ताला-हार्डवेयर व पीतल मूर्ति कारोबार से संकट टला नहीं है। अब महंगाई ने ब्रेक लगाए हैं। इन उत्पादनों में प्रयोग किए जाने वाला कच्चे माल की कीमतों में आगत्र लगी हुई है।चार दिन में पीतल पर 40 रुपये प्रतिकिलो की तेजी हुई है। लोहा की बढ़ी कीमतों से भी निर्माता लोहा ले रहे हैं। उद्यमी इस तेजी का कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में आई भारी वृद्धि बता रहे हैं। रूस व यूक्रेन में चल रहा भीषण युद्ध का भी असर है। इन देशों तथा इनके आसपास के देशों से लोहा-स्टील की सप्लाई आती है, जो फिलहाल रुकी हुई है। बड़े कारोबारियों ने स्टाक कर लिया है।
कारोबार पर नजर
03 औद्योगिक आस्थान हैं शहर में
05 हजार छोटी-बड़ी फैक्ट्री हैं जिले में
30 हजार करोड़ रुपये का सालाना है ताला हार्डवेयर व पीतल मूर्ति कारोबार
2500 करोड़ रुपये का है सालाना निर्यात
कीमतें आयरन सीट
धातु का नाम, जून 2021, फरवरी 2022, मार्च 2022
मेल्टिंग आयरन स्क्रैप, 23, 38,56
एचआर आयरन सीट, 38, 64, 76
सीआर आयरन सीट, 48, 68, 85
पिगड आयरन सीट, 33, 58, 73
(दाम प्रतिकिलो में, 18 फीसद जीएसटी अलग से देय है)
पीतल की कीमतें
पीतल सिल्ली, 380, 480, 555
पीतल की मेल्टिंग स्क्रैप, 425, 520, 590
ब्रांडेड फ्रैश सीट, 550, 650, 720
( दाम प्रतिकिलो में )
अन्य धातुओं के रेट
कापर, 650, 750, 850
जस्ता, 240, 340, 380
निकिल, 1500, 1900, 2600
एल्युमुनियम, 200, 270, 320
(दाम प्रतिकिलो में )
यह पड़ा असर
40 फीसद धातुओं की कीमत में हुई है वृद्धि
30 से 40 फीसद लागत मूल्य बढ़ गया है, आर्डर की प्लाई पुराने रेट पर करनी पड़ रही है
50 फीसद उत्पादन घाटे के चलते फैक्ट्रियों में फिलहाल कम कर दिया गया है
बिल्डिंग में प्रयोग होने वाला आयरन
धातु का नाम, पिछले साल , एक माह, अब
लैंटर सरिया, 42, 55, 82
एचआर सीट 12 गेज, 48, 65, 80
एंगल, 40, 58, 80
( दाम प्रतिकिलो में )
आयरन सीट के भाव लगातार बढ़ रहे हैं। ताला कारोबारियों ने आर्डर रोक दिए हैं। तेजी अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी है। बड़े कारोबारी तेजी का कारण रूस-यूक्रेट युद्ध बता रहे हैं।
– विष्णु भैय्या, चेयरमैन, बांकेविहारी इंडस्ट्रीज
कारोबार पहले से ही प्रभावित है। आयरन हार्डवेयर का उत्पादन 20 से 40 फीसद तेज हुआ है। धातुओं की कीमतें रोज बढ़ रही हैं। इसका असर कारोबार पर पड़ रहा है।