
*सोशल मीडिया पर सिपाही विशाल सिंह और थरियाँव थाने के हिस्ट्रीशीटर अनिल यादव के बात की ऑडियो वायरल*
*विशाल सिपाही के अपराधियों से जुड़े हैं तार, निकाली जाय सी.डी.आर. तो खुल सकते हैं बड़े राज,थाने की सूचनाएं होती रहती हैं लीक*
*अपने आप को पुलिस से घिरता देख बैकफुट पर हिस्ट्रीशीटर अनिल यादव*
फतेहपुर/यूपी के फतेहपुर जनपद के थरियांव थाना के सिपाही विशाल सिंह और मुसईपुर निवासी हिस्ट्रीशीटर अनिल यादव पुत्र उदल यादव के बीच हुई बातचीत की एक ऑडियो रिकॉर्डिंग इतनी समय सोशल मीडिया में काफी सुर्खियां बटोर रही है और लोगों के बीच काफी चर्चा का विषय भी बना हुआ है। हिस्ट्रीशीटर अनिल यादव बैटरी चोरी के मामले में अपने 5 साथियों के साथ जेल भेजे गए थे। और इतना ही नहीं अनेकों मामलों में इनके खिलाफ थरियांव थाने में संगीन धाराओं में मुकदमा पंजीकृत हैं। जिसमें विशाल सिंह अपराधियों को संरक्षण देते हुए उनसे मोटी रकम बैठते और थाने की गुप्त सूचनाएं इन तक पहुंचाना अपराधियों को संरक्षण देना। सिपाही विशाल सिंह अपराधियों के संरक्षण दाता बन गए हैं। जिला बदर अपराधी, हिस्ट्रीशीटरो से मोटी रकम ऐठना और थाने की गुप्त सूचनाएं इनको उपलब्ध कराना इनके दाएं बाएं हाथ का खेल हो गया है। कुछ ही समय पहले हिस्ट्रीशीटर अनिल यादव समय से कोर्ट में हाजिर न होने पर वारंट जारी हो गया था वारंट जारी होते ही विशाल सिंह ने हिस्ट्रीशीटर अनिल यादव को पकड़ने की मुहिम तेज कर दी तो दोनों के बीच एक वरिष्ठ नेता के माध्यम से कुछ पैसों की डील हो गई फिर क्या था। हिस्ट्रीशीटर अनिल यादव समय-समय पर विशाल सिंह सिपाही के कमाई का जरिया बन गए। कभी एल.सी.डी. की मांग करना, तो कभी महंगे कपड़ों की मांग करना। सिपाही विशाल सिंह कि अभी हाल ही में कुछ समय पूर्व शादी हुई है। जिसको लेकर सिपाही विशाल सिंह ने हिस्ट्रीशीटर अनिल यादव से बेशकीमती जूतों की मांग करने लगे। बराबर सिपाही को रुपया उपलब्ध कराते हुए अनिल यादव का जी भर गया था और सिपाही के कारनामों को मोबाइल रिकॉर्डिंग के माध्यम से कैद करने लगे। जैसे ही सोशल मीडिया में ऑडियो वायरल की बात प्रारंभ हुई तो थरियांव थाने के चुनिंदा सिपाही वर तथाकथित पत्रकार के माध्यम से समझौते का दबाव बनाने के लिए इनके निजी क्लीनिक खागा के लिए सरपट दौड़ पड़े। घंटों चली मानव वध के बाद अनिल यादव को दबाव में लेते हुए तथाकथित पत्रकार के द्वारा एक वीडियो बनाया गया जिसको विशाल सिंह के संरक्षण के लिए सुरक्षित रख लिया गया। आप देख सकते हैं कि हिस्ट्रीशीटर अनिल से एक तथाकथित पत्रकार द्वारा पूछताछ कर वीडियो बनाया जा रहा है जिससे साफ जाहिर होता है कि आखिर जब विशाल सिंह ने पैसे आज जूतों की मांग नहीं की तो आखिर ऐसे वीडियो बनाने की आवश्यकता ही क्या थी।
विशाल सिंह की शादी में थरियाँव थाने के लगभग आधा सैकड़ा भूमाफिया ,हिस्ट्रीशीटर अपराधी रहे शामिल।
वैसे तो सिपाही विशाल सिंह का चरित्र – चित्रण किसी से छुपा नहीं है। अपने कारनामों के चलते चांदपुर थाने में भी सुर्खियों में रहे और यहां तक कि केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति को भी इनके खिलाफ मुकदमा लिखाने के लिए सामने आना पड़ा था। अभी हाल ही में विशाल सिंह की शादी में शामिल होने गए लगभग आधा सैकड़ा अपराधी, भूमाफिया, हिस्ट्रीशीटर, गैंगस्टर, जिला बदर, तथाकथित दलाल, जैसे अपराधिक प्रवृति के लोग इनके शादी में शरीक हुए। इनके पास भले लोगों की टीम नहीं है। कारनामा अच्छा होता तो भले लोग भी शादी में शरीक होने के लिए जरूर जाते हैं। इनके शादी का यदि वीडियो रिकॉर्डिंग किस जांच की जाए तो दूध का दूध पानी का पानी नजर आएगा। विशाल सिंह का ट्रांसफर करने के लिए भी मानो ऐसा लग रहा है कि कप्तान के भी हाथ पैर काँपते हैं।
दो बार थाना ट्रांसफर व एक बार अयोध्या ड्यूटी भी विशाल सिह का कुछ नहीं बिगाड़ पायी।
विशाल सिंह की राजनेताओं की परिक्रमा बहुत अच्छी है जिसके चलते विशाल सिंह का थरियांव थाने से दो बार ट्रांसफर हो गया किंतु गणेश परिक्रमा के चलते अपना ट्रांसफर रुकवाने में कप्तान को भी बैकफुट पर आना पड़ा एक विशाल सिंह का ट्रांसफर नहीं रुकता तो शायद कप्तान को ही अपनी कुर्सी बचाने के लिए मंत्रियों के गणेश परिक्रमा करना पड़ जाता। अनेकों बार रिपोर्ट भेजने के बाद भी कप्तान ने विशाल सिंह को 3 माह के लिए अयोध्या ड्यूटी भेज दिया किंतु रसूख के चलते कप्तान को अपने आदेश पर भी वापस आना पड़ा। मानो ऐसा लग रहा है कि कप्तान पर विशाल हावी है या विशाल सिंह पर कप्तान!!