सादगी व सद्भावना से मनाया गया प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी का जन्मदिन

सादगी व सद्भावना से मनाया गया प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी का जन्मदिन

लखनऊ/ विश्व एकता के प्रबल समर्थक, प्रख्यात शिक्षाविद् व सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक डा. जगदीश गाँधी का जन्मदिवस आज बड़े ही हर्षोल्लास के साथ सादगी व सद्भावना पूर्ण माहौल में मनाया गया। इस अवसर पर सिटी मोन्टेसरी स्कूल के हजारों कार्यकर्ताओं, शिक्षकों व छात्रों ने अपने आध्यात्मिक अभिभावक एवं विश्व मानवता के अग्रदूत डा. जगदीश गाँधी को जन्मदिन की हार्दिक बधाईयां देते हुए उन्हें फूल-मालाएं पहनाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया तो वहीं दूसरी ओर डा. गाँधी को शुभकामना देने वालों का दिनभर तांता लगा रहा। सी.एम.एस. प्रधान कार्यालय पर आयोजित जन्मदिवस समारोह में सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका डा. भारती गाँधी, सी.एम.एस. प्रेसीडेन्ट प्रो. गीता गाँधी किंगडन, इंग्लैण्ड निवासी शिक्षाविद् श्री रोजर किंगडन समेत अनेक अधिकारीगण व गणमान्य लोग उपस्थित थे। साहित्यकार पं. हरि ओम शर्मा ने डा. जगदीश गाँधी के जीवन व कृतित्व पर मार्मिक कविता सुनाकर वातावरण में चार-चाँद लगा दिया।

इस अवसर पर सभी के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि मुझे हार्दिक प्रसन्नता है कि सी.एम.एस. के कर्तत्यनिष्ठ कार्यकर्ताओं, शिक्षकों व छात्रों की बदौलत ‘विश्व एकता की गूंज’ अब सारे विश्व में सुनाई देने लगी है। सी.एम.एस. के परिश्रमी कार्यकर्ताओं व शिक्षकों व छात्रों के प्रयासों का प्रतिफल है कि लखनऊ में एक बार फिर से 65 देशों के मुख्य न्यायाधीशों, न्यायाधीशों व कानूनविद्ों समेत विभिन्न देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद के अध्यक्ष, न्यायमंत्री, संसद सदस्य आदि ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 23वें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’  में प्रतिभाग हेतु 18 नवम्बर को पधार रहे हैं। मुझे विश्वास है कि विश्व एकता, विश्व शान्ति व विश्व संसद का सपना साकार होने में अब देर नहीं हैं, नया युग आने वाला है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि मेरी आखिरी साँस भी विश्व एकता व विश्व शान्ति के नाम लिखी जाये।

इस अवसर पर कई प्रख्यात हस्तियों ने डा. गाँधी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर अपने विचार रखते हुए एक स्वर से कहा कि डा. गाँधी जिस तल्लीनता व आत्मबल से विश्व के बच्चों का भविष्य संवारने में जुटे, उसकी दूसरी मिसाल मिलना मुश्किल है। डा. गाँधी के व्यक्तित्व में ऐसे तमाम प्रेरक गुण  समाये हंव जो किसी को भी राह दिखाने में सक्षम है। वक्ताओं का कहना था कि डा. गाँधी वास्तव में इस 21वीं सदी के मसीहा बनकर उभरे हैं।

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