
श्रवण कुमार मिश्र
सीतापुर: प्रदेश शासन द्वारा किसान हित में तमांम शासनादेश जारी किए जाते हैं । परंतु इसके लिए जिम्मेदार प्रशासन तू डाल डाल मैं पात पात वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए अपना उल्लू सीधा करने में लगे हुए है । यह बात राष्ट्रीय सचिव/प्रदेश प्रभारी किसान मंच शिव प्रकाश सिंह ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कही है । उन्होंने कहा कि जनपद सीतापुर में धान क्रय केंद्र चयन प्रक्रिया में कौन सा माप दण्ड अपनाया गया है । यह सोंच से परे है । उदाहरण के तौर पर सीतापुर मुख्यालय से सटे ब्लाक ऐलिया, हरगांव,परसेंडी,खैराबाद, महोली , मिश्रित में नाम मात्र धान क्रय केंद्रों का चयन किया गया है । सभी जिम्मेदारों को पता है । कि इन सभी ब्लाकों में पर्याप्त मात्रा में धान पैदा होता है । आश्चर्य इस बात का है । कि गांजर क्षेत्र के ब्लाकों में जहां बाढ़ के कारण हमेशा किसी फसल की कोई गारंटी नहीं होती । सर्वाधिक क्रय केंद्र उसी क्षेत्र के लिए निर्गत किए गए । साथ ही क्रय विक्रय समिति और सहकारी संघ के 52 क्रय केंद्रों के संचालन पर रोक के लिए अपर आयुक्त खाद्य ए के सिंह द्वारा जारी शासनादेश ठंडे बस्ते में डाल कर सिर्फ धन उगाही का जरिया बना लिया है । जिला सहायक उपनिबंधक सहकारिता नवीन चंद्र शुक्ल,डिप्टी आर एम ओ अरविंद दुबे के साथ पी सी एफ जिला प्रबंधक अतुल चौधरी की अगुवाई में शासन द्वारा जारी धान खरीद नीति को दफनाकर हर तरह से किसानों का शोषण किया जा रहा है । किसानों के साथ जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे अन्याय के विरुद्ध शीघ्र ही किसान मंच पदाधिकारियों द्वारा पांच नवंबर की मासिक बैठक में विचार विमर्श के बाद धान क्रय केंद्रों पर वास्तविकता के साथ प्रमाण इकठ्ठा कर जिला मुख्यालय पर आंदोलन करने हेतु समय सुनिश्चित किया जाएगा|