
प्रयागराज, अब दो दिन हो चुके हैं यूपी विधानसभा चुनाव के पांचवे चरण का मतदान समाप्त हुए। भागदौड़ से तो छुटकारा मिला लेकिन अब चिंता खाए जा रही है जीत-हार की। क्या होगा 10 मार्च को। पता नहीं पर्याप्त वोट पड़े कि नहीं पक्ष में। इसी फिक्र में तमाम उम्मीदवारों का ब्लड प्रेशऱ बढ़ा हुआ है। भले ही चेहरे पर मुस्कान हो लेकिन अंदर ही अंदर दिल तेज तेज धड़क रहा है। जुबान पर कुछ और अंदर कुछ है। पूछिए तो कहते हैं कि अपनी जीत पक्की है, लेकिन अंदर ही अंदर क्या चल रहा है, यह तो वही जानते हैं।
प्रयागराज की 12 सीटों पर पिछली बार भाजपा का प्रदर्शन उम्दा रहा है। क्लीन स्वीप तो नहीं रहा लेकिन गठबंधन सहयोगी के साथ नौ सीट पर जीत हासिल कर ली थी। इलाहाबाद पश्चिमी, दक्षिणी, उत्तरी, फूलपुर, बारा, सोरांव, फाफामऊ, मेजा, कोरांव सीट कब्जे में रही भाजपा के। दो सीट बसपा और करछना सीट सपा के खाते में रही। अबकी वैसा इतिहास भाजपा दोहरा पाएगी या सपा और बसपा कुछ सीट छीन सकती है, इनके उम्मीदवारों के दिल में यही चल रहा है। भाजपा के हों या सपा, कांग्रेस और बसपा प्रत्याशी, सभी के दिल में बेचैनी है।
प्रयागराज की 12 सीटों पर पिछली बार भाजपा का प्रदर्शन उम्दा रहा है। क्लीन स्वीप तो नहीं रहा लेकिन गठबंधन सहयोगी के साथ नौ सीट पर जीत हासिल कर ली थी। इलाहाबाद पश्चिमी, दक्षिणी, उत्तरी, फूलपुर, बारा, सोरांव, फाफामऊ, मेजा, कोरांव सीट कब्जे में रही भाजपा के। दो सीट बसपा और करछना सीट सपा के खाते में रही। अबकी वैसा इतिहास भाजपा दोहरा पाएगी या सपा और बसपा कुछ सीट छीन सकती है, इनके उम्मीदवारों के दिल में यही चल रहा है। भाजपा के हों या सपा, कांग्रेस और बसपा प्रत्याशी, सभी के दिल में बेचैनी है।