रूस के हमले के बाद अपनी आखाें से मिसाइलें, बम और टैंकों के धमाकों का खतरनाक मंजर देखने के बाद यूक्रेन में फंसे छात्रों को सिर्फ सुरक्षित जगह पर पहुंचने की तलाश थी। यह तलाश सिर्फ भारतीय छात्रों की नहीं बल्कि पाकिस्तान के छात्राें की भी थी। खतरनाक होते हालात और पल पल बढ़ते जान के खतरे को देख पाकिस्तानी छात्रों ने वहां से बार्डर पार कर अपने वतन वापसी के लिए भारतीय ध्वज यानी तिरंगे का सहारा लिया। जो उनका सुरक्षा कवच बना। जिसके बाद बार्डर पार कर राहत की सांस लेने के बाद भारतीयों के साथ पाकिस्तानी छात्र बोले अब सुरक्षित हैं
यूक्रेन में फंसे पाकिस्तानी छात्रों के काम आए हिंदुस्तानी। दरअसल बरेली के रहने वाले छात्र को यूक्रेन से बाहर आने का रास्ता मिल गया।जिस पर वह यूक्रेन से बार्डर पार करने के लिए निकला।इसी दौरान उसके दो पाकिस्तानी दोस्तों ने उसकी ओर मदद की आस से देखा। जिसके बाद उसने अपने पाकिस्तानी दोस्तों को भी अपनी कार में बिठा लिया। कार में भारतीय ध्वज लगाकर बार्डर की ओर निकले। भारतीय ध्वज उनका सुरक्षा कवच बना। उनके रास्ते में कोई बाधा नहीं आई।कभी यूक्रेन तो कभी रूस की फौज ने उन्हें रोका। लेकिन भारतीय ध्वज देखकर उन्हें जाने दिया। कुछ देर बाद सभी उसी तिरंगे के सहारे पोलैंड का बार्डर पार कर चुके। बोले अब सुरक्षित है।
खौफनाक माहौल से बाहर आते ही बरेली के शाही निवासी रमन कुमार ने सरकार का आभार जताते हुए कहा कि हमारे देश की सरकार ने हमारा हर पल साथ दिया। उन्होंने बताया कि दूतावास और पोलैंड की जनता ने भी भारतीयों की हर जरूरत का ख्याल रखा।बोले भारतीय पासपोर्ट देखते ही उस पर मुहर लगा दी गई। जिसके बाद उन्हें अंदर आने की अनुमति मिल गई। वीजा के बारे में भी कोई जानकारी नहीं ली गई।इसके बाद दूतावास ने एक होटल में भेज दिया।