जोधपुर: पुलिस और अपराधियों में सांठगांठ के पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं. जोधपुर में सनसनीखेज मामला सामने आया है. भीलवाड़ा में दो पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में गिरफ्तार अभियुक्त को चालानी गार्ड के रूप में लगे पुलिसकर्मी अस्पताल से घुमाने बाहर ले गए. मामला अस्पताल से पुलिस तक पहुंचा तो तीन घंटे बाद लौट आए. इस मामले में पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) ने शुक्रवार को एक हेड कांस्टेबल व चार सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया. इनके खिलाफ अस्पताल की ओर से शास्त्रीनगर थाने में मामला भी दर्ज किया गया है.एसीपी (पश्चिम) चक्रवर्तीसिंह राठौड़ ने आधी रात अस्पताल पहुंचकर जांच की. प्रथम दृष्टया चालानी गार्ड की भूमिका संदिग्ध पाई जाने पर चालानी गार्ड बदल दिए. पुलिस कमिश्नर रविदत्त गौड़ के निर्देश पर पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय व यातायात) विनीत कुमार बंसल ने चालानी गार्ड प्रभारी हेड कांस्टेबल परसादीलाल मीना, कांस्टेबल श्रवण, सुखवीरसिंह, सत्यनारायण और नरेन्द्र को सस्पेंड कर दिया.एसीपी पश्चिम चक्रवर्ती सिंह राठौड़ ने बताया कि भीलवाड़ा में पिछले साल तस्करों की फायरिंग में दो कांस्टेबल की हत्या के मामले में सह-आरोपी रामनिवास को रीढ़ की हड्डी में दर्द की शिकायत हुई. जिसकी वजह से 24 जून को उसे जोधपुर सेंट्रल जेल से एमडीएम अस्पताल के कोटेज वार्ड में भर्ती कराया गया था. नर्स स्मिता गुरुवार रात नौ बजे इंजेक्शन लगाने गई तो दरवाजा अंदर से बंद था. एक-डेढ़ घंटे बाद अस्पताल की पार्किंग के एक युवक ने दरवाजा खोला. बंदी रामनिवास गायब था. नर्स ने ड्यूटी प्रभारी और पुलिस को सूचित किया. चौकी से फोन करने पर चालानी गार्ड कुछ देर बाद बंदी के साथ लौटे.