कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि राजस्थान की ‘इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना’ की तरह पूरे देश के शहरी इलाकों में ऐसी योजना लागू की जानी चाहिए. उन्होंने फेसबुक पोस्ट में कहा, “देश में बेरोजगारी ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है. गांव के साथ-साथ शहरों में भी बेरोजगारी से तबाही मच चुकी है. 45 करोड़ से ज्यादा लोग नौकरी पाने की उम्मीद ही छोड़ चुके हैं.”
उन्होंने कहा, “2005 में कांग्रेस पार्टी ‘मनरेगा’ लायी थी, जिसमें न्यूनतम 100 दिनों के काम की गारंटी देकर गांव में बेरोजगारी की समस्या पर काबू पाया गया.” राहुल गांधी के मुताबिक, “जिस तरह गांव में गरीबों को रोजगार देने के लिए कांग्रेस पार्टी मनरेगा लायी थी, उसी तरह शहरों में बढ़ रही बेरोजगारी दूर करने के लिए राजस्थान की कांग्रेस सरकार ‘इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना’ लायी है. इस योजना के अंतर्गत शहरों के जरूरतमंद परिवारों को 100 दिन के रोजगार की गारंटी मिलेगी.”
पूरे देश में लागू हो ऐसी योजना
कांग्रेस नेता ने जोर देकर कहा, “हम देश की जनता के अहम मुद्दों को उठाने और सुलझाने का काम करते रहेंगे. राजस्थान ही नहीं बल्कि पूरे देश में इस योजना को लागू किया जाना चाहिए.” कांग्रेस नेता ने एक अन्य फेसबुक पोस्ट में दावा किया कि कांग्रेस और आदिवासियों के दबाव में गुजरात में ‘तापी-नर्मदा लिंक प्रोजेक्ट’ को रद्द किया गया है.
कांग्रेस के दवाब के कारण तापी-नर्मदा लिंक प्रोजेक्ट हुआ रद्द
उन्होंने कहा, “10 मई 2022 को गुजरात के दाहोद में मैंने आदिवासी भाई-बहनों को संबोधित करते हुए कहा था कि जैसे ही गुजरात में कांग्रेस की सरकार आएगी, हम सबसे पहले ‘तापी-नर्मदा लिंक प्रोजेक्ट’ बंद करेंगे. 10 दिन बाद आदिवासियों और कांग्रेस पार्टी के दबाव में आकर गुजरात की भाजपा सरकार ने इस परियोजना को रद्द कर दिया. ये आदिवासियों की बड़ी जीत है. कांग्रेस पार्टी हमेशा से आदिवासियों के हक की आवाज उठाती आयी है और आगे भी हम बिना डरे, बिना झुके आपकी आवाज उठाते रहेंगे. जब गुजरात में कांग्रेस की सरकार आएगी, हम आपके जल, जंगल, जमीन की रक्षा को प्राथमिकता देंगे.”
क्या है योजना
बता दें कि, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना (Indira Gandhi Urban Employment Guarantee Scheme) के क्रियान्वयन के लिए नए दिशा-निदेशों को मंजूरी दे दी है. सीएम गहलोत ने कहा कि स्थानीय निकाय क्षेत्र में रहने वाले 18 वर्ष से 60 वर्ष की आयु के सदस्यों का जन आधार कार्ड के आधार पर पंजीयन किया जाएगा. गहलोत ने राज्य के बजट 2022-23 में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को प्रति वर्ष 100 दिनों के लिए रोजगार देने की घोषणा की थी. इस महत्वाकांक्षी योजना पर राज्य सरकार हर साल 800 करोड़ रुपये खर्च करेगी.