
हिमांशु द्विवेदी/नैमिष टुडे
एडीजी आलोक सिंह और आईजी हरीश चंदर के मंसूबों पर खड़ी उतरी कन्नौज पुलिस ने एक बार फ़िर साबित कर दिया कि अपराधियों का ठिकाना जेल
चार दिन पहले महिला की हत्या और लूट की घटना को अंजाम देने वाला कुख्यात मजदूर पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तार
कन्नौज पुलिस ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो, कानून के शिकंजे से बच नहीं सकता। चार दिन पहले सदर कोतवाली क्षेत्र के कुतलूपुर मोहल्ले में 50 वर्षीय महिला सुनीता देवी की हत्या कर उसकी बेटी को बंधक बनाकर लाखों की लूट करने वाला कुख्यात अपराधी सूरज पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तार हो गया।
पुलिस को जैसे ही सूरज की लोकेशन का सुराग मिला, मुखबिर की सटीक जानकारी पर रामपुर मजरे गांव में चेकिंग अभियान शुरू किया गया। तभी बाइक से आते सूरज ने पुलिस को देखते ही फायरिंग शुरू कर दी। अलर्ट पुलिस ने भी मोर्चा संभाला और जवाबी कार्रवाई में सूरज के पैर में गोली लगी, जिसके बाद वह बाइक सहित गिर पड़ा। मौके पर ही पुलिस ने उसे दबोच लिया।
एसपी कन्नौज विनोद कुमार, एएसपी अजय कुमार, सीओ अभिषेक और कोतवाली प्रभारी जितेंद्र प्रताप सिंह स्वयं भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। मुठभेड़ में सूरज के पास से लूटे गये जेवर और 57 हजार रुपये नकद बरामद हुए। पुलिस ने उसका अकाउंट भी होल्ड करा दिया है। एसपी का कहना है कि सूरज इस पूरी वारदात का मास्टरमाइंड है और उसके खिलाफ लखनऊ समेत कई जिलों में 19 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।
इस बड़ी सफलता पर प्रदेश स्तर पर भी अधिकारियों ने कन्नौज पुलिस की पीठ थपथपाई। एडीजी आलोक सिंह, आईजी हरीश चंदर और एसपी विनोद कुमार के मार्गदर्शन में चलाए गये अभियान को सफलता मिली। वहीं, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप प्रभारी देवेश पाल और उनकी टीम की तत्परता ने यह सुनिश्चित किया कि शातिर अपराधी ज्यादा देर तक खुले में न रह सके।
निःसंदेह, कन्नौज पुलिस की यह कार्रवाई न केवल कानून-व्यवस्था पर जनता का विश्वास मजबूत करती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि पुलिस प्रशासन अपराध के खिलाफ पूरी तरह सजग और प्रतिबद्ध है।