कल को ग्राम पंचायत में जाँच दल पहुंचा जिसका निर्देशन डिप्टी कमिश्नर उद्योग आशीष गुप्ता कर रहे थे। जाँच को प्रभावित किया जा सकता है इसकी सूचना होने के बावजूद जाँच अधिकारी द्वारा सुरक्षा हेतु कोई ब्यवस्था नहीं की गई थी। कई बार कुछ असामाजिक मनबढ़ तरीके के लोगों द्वारा मारपीट कर जाँच प्रभावित करने का प्रयास किया गया किन्तु बर्तमान प्रधानपति एवं ग्रामवासियों की सूझबूझ के चलते कोई अनहोनी होने से बच गयी।
अवगत हों कि जाँच टेक्निकल कमेटी का गठन करके किये जाने के निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिये गए थे,जिसके क्रम में जाँच दल मौके पर पहुंचा था किन्तु जांचकर्ताओं के पास जाँच से सम्बन्धित अभिलेखों का अभाव था, उनके पास न तो आवास की सूची थी और न ही किस वित्तीय वर्ष में किस मद में किस योजना में कितना सरकारी धन आया और कहाँ कितना खर्च हुआ इसका भी कोई अभिलेख नही मौजूद था,मीटिंग होने की बात कहकर जल्दी जल्दी जाँच की इतिश्री करते नजर आए अधिकारी उल्टे शिकायत कर्ता से सवाल करते रहे। जाँच दल के समक्ष ही पूर्वप्रधान के लड़के एवं उनके कुछ सहयोगी मीडियाकर्मियों को भी धमकाने में लगे रहे।
शिकायतकर्ता द्वारा इस सबकी जानकारी उच्चाधिकारियों सहित मुख्यमन्त्री जी को भी दे दी गयी है। शिकायतकर्ता द्वारा बम्हेरा के तालाब एवं अन्य ग्राम पंचायत की सरकारी जमीनों पर किये गए अबैध कब्जों एवं निर्माण पर भी कब्जेदारों के विरुद्ध भूमाफिया के अन्तर्गत मुकदमा लिखकर कार्यवाही की माँग की गयी है।
अब देखना यह है कि यहाँ योगी जी की भृष्टाचार मुक्त प्रदेश योजना के तहत बुल्डोजर चलेगा याफिर अधिकारियों की मनमानी।