
श्री कृष्ण जन्म भूमि की मुक्ति का आंदोलन पहुंचा अपने निर्णायक दौर के प्रवेश द्वार पर
-कल महाकुंभ में हो सकता है बड़ा ऐलान, अब तक करीब सवा करोड़ लोगों ने के किए हस्ताक्षर
महाकुंभ नगर, प्रयागराज: भगवान श्री कृष्ण के विशाल मंदिर को तोड़ करके मूल गर्भ गृह स्थल पर विधर्मियों ने बनाई मस्जिद को हटा कर फिर से एक भव्य नव्य मंदिर निर्माण का आंदोलन अपने निर्णायक दौर में प्रवेश करने के मुहाने पर आ गया। महाकुंभ नगर में एक फरवरी को श्रीमद् जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी राजेश्वरीमाऊली सरकार के सेक्टर-16 स्थित पंडाल में महासंवाद में एक बड़ा ऐलान भी हो सकता है। श्रीकृष्ण जन्म भूमि मुक्ति न्यास बैनर तले महाकुंभ में अब तक करीब सवा करोड़ लोगों ने अपने हस्ताक्षर किए हैं। यह अभी जारी है।
श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष और श्री कृष्ण जन्मभूमि केस के वादी महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने बताया, 11 जनवरी को भगवान श्री कृष्ण के मूल जन्म स्थल (जहां पर वर्तमान में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है) को मुक्त कराने को जिस अभियान की शुरुआत श्री कृष्ण जन्म भूमि के मुख्य द्वार से की गई थी, वह तीर्थराज प्रयाग में चल रहे कुंभ में अपने चरम पर पहुंच गया। आज तक करीब सवा करोड़ लोगों ने अपने हस्ताक्षर कर श्री कृष्ण जन्म भूमि की मुक्ति के लिए चलाए जा रहे आंदोलन को अपना पूर्ण समर्थन दिया है। यह सिलसिला यहीं पर ठहरने वाला नहीं है, न्यास के अपने लक्ष्य को हासिल करके ही थमेगा। इसी क्रम में एक फरवरी को श्रीमद् जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी राजेश्वरीमाऊली सरकार के सेक्टर-16 स्थित पंडाल में महासंवाद होगा। महाकुंभ में साधु महात्मा, महामंडलेश्वर, जगद्गुरु और शंकराचार्यों ने महासंवाद में शामिल होंगे। सभी से भेंट वार्ता कर महासंवाद के मूल विषय पर गहन मंथन किया गया है। संतो से भेंट वार्ता का क्रम जारी है। उन्होंने बताया, महाकुंभ में देश विदेश के संत इस महासंवाद में शामिल होंगे। महासंवाद में श्री कृष्ण जन्म भूमि की मुक्ति को लेकर कोई बड़ा ऐलान भी हो सकता है। श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने महासंवाद में श्री कृष्ण जन्म की मुक्ति के आंदोलन के अगले चरण का आधारशिला भी रखी जाएगी। उन्होंने बताया, जिन सवा करोड़ लोगों न अपने हस्ताक्षर किए हैं, उन्होंने यह भी संकल्प लिया है कि वह अपने अपने निवास और कार्यक्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण जन्म भूमि की मुक्ति को जन आंदोलन खड़ा करने का कार्य करेंगे। आज हिंदू श्रीकृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति चाहते हैं और उसके लिए हर कुर्बानी देने के लिए तैयार है। क्रांतिकारी संत सत्यमित्रा नंद, पंडित श्यामानंद जी भी मौजूद रहे।