राशनकार्ड,बैंक व विद्यालयों में केवाईसी बन रही उपभोक्ताओं के गले की फांस
आधार केंद्रों पर नए आधार कार्ड व मोबाइल नंबर पंजीकरण व बायोमेट्रिक कराने के लिए खर्च करना पड़ रहा ज्यादा शुल्क,गरीब राशनकार्ड उपभोक्ता व ग्रामीण किसान परेशान
सीतापुर।सरकार द्वारा आधार कार्ड की अनिवार्यता लगभग सभी सेवाओं में कर दी गई हैं लेकिन आधार केंद्रों की व्यवस्था केवल डाकघरों व बैंकों में की गई हैं जहां पर धड़ल्ले से लूट की जा रही है नए आधार कार्ड यदि वयस्क का बनना है तो तीन हजार रुपए तक वसूली की जा रही हैं,जोकि बिल्कुल निशुल्क है, महोली के सभी केंद्रों व क्षेत्रों की बैंकों में खुलेआम फर्जी प्रमाण पत्रों को लगाकर नए आधार कार्ड बनाये जा रहे और किसानों को कार्यवाही के नाम पर परेशान करके प्रति व्यक्ति हजारों रुपए लिये जा रहे है,राशनकार्ड धारकों के लिए करवाई जा रही केवाईसी अब गरीबों के लिए गले की फांस बनती जा रही है और गरीब राशनकार्ड उपभोक्ता हजारों रूपयों को खर्च करने पर मजबूर हो रहे हैं वहीं उपभोक्ताओं को आधार केंद्रों पर ठगा जा रहा है।आपको बता दें कि राशनकार्ड में जितने यूनिट हैं उनका सत्यापन सरकार द्वारा कराया जा रहा है जिसके लिए उचित दर की दुकानों पर केवाईसी अपडेट की जा रही है इसमें सबसे बड़ी समस्या यह आ रही है कि कुछ लोगों के आधार बायोमेट्रिक न होने के कारण केवाईसी नहीं हो रही है वहीं 5 वर्ष के उपर के बच्चों का बायोमेट्रिक नहीं हो पा रहा है जिसके कारण गरीब उपभोक्ता आधार केंद्र पर बायोमेट्रिक कराने के लिए जा रहे हैं और वहाँ पर मनमाना शुल्क वसूल किया जा रहा है।ऐसा एक केंद्र पर नहीं है लगभग सभी केंद्रों पर मनमाना शुल्क लिया जा रहा है जिसके कारण गरीब राशनकार्ड उपभोक्ताओं को भारी नुकसान पहुंच रहा है।बायोमेट्रिक अपडेट न होने के कारण राशनकार्ड से नाम कटने का डर भी फैला हुआ है।गरीब राशनकार्ड उपभोक्ताओं द्वारा सरकार से बायोमेट्रिक कराने का कोई दूसरा विकल्प प्रयोग करने की मांग की जा रहीं हैं और बायोमेट्रिक करने के लिए फेस फोटो एवं आँख की फोटो से राशनकार्ड बायोमेट्रिक करने का विकल्प भी सही है जिसके फिंगर प्रिंट राशनकार्ड में नहीं आ रहे हैं उनको कोई दूसरा विकल्प देना चाहिए जिसके कारण गरीब उपभोक्ताओं का आधार केंद्रों पर बायोमेट्रिक कराने पर हजारों रुपये खर्च को बचाया जा सके।आधार केंद्रों बड़ागांव,महोली, सीतापुर में यदि धन उगाही वसूली अतिरिक्त नही रोकी गई और बनाये गए आधार कार्ड धारकों के आवेदन में संलग्न जन्म प्रमाणपत्र व शुल्क वसूली की जाँच पड़ताल नही की गई, तो भाकियू श्रमिक जनशक्ति धरना विरोध प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होगा,जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी!