भारतरत्न बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर जी की जयन्ती के अवसर पर कलेक्ट्रेट सभागार में कार्यक्रम आयोजित किया गया

 

सीतापुर भारतरत्न बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर जी की जयन्ती के अवसर पर कलेक्ट्रेट सभागार में कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिलाधिकारी अनुज सिंह, अपर जिलाधिकारी नीतीश कुमार सिंह, नगर मजिस्ट्रेट कृष्णा नन्द तिवारी, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नितिन सिंह सहित अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने बाबा साहब के चित्र पर माल्यार्पण कर नमन किया।
जिलाधिकारी ने सभी का हार्दिक स्वागत अभिनंदन करते हुए सभी को अपने विचारों को व्यक्त करने का अवसर दिया। सभी ने बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर की दी गई शिक्षा को वर्तमान में प्रासंगिक माना। भारतीय संविधान निर्माण में बाबा साहब के संघर्ष व योगदान को सभी ने सराहा। जिलाधिकारी ने कहा कि कई अन्य जो हमारे महापुरूष है उनके भी जन्मदिवस को किसी प्रकार से मनाते हैं क्यों कि जब इन महापुरूषों की जन्मतिथि को हम याद करते हैं तो कहीं न कहीं हम उनके जीवन के जो आधार हैं उनकी जीवन शैली को लेकर चलते हैं, उस पर चलने के कारण वह महान बने होते हैं और उसी को जब हम अपने जीवन में उतारने की कोशिश करते हैं तो हमारे जीवन को भी एक सही दिशा मिलती है। इसी प्रकार से बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर जी को हम सब जानते हैं कि बाबा साहब एक बहुत ही गरीब परिवार से थे और उनके समय में बहुत सी कुरीतियों का शिकार होता था, उसमें पैदा हुये थे और इन सबके बावजूद भी अपने समय के पढ़े लिखे व्यक्ति थे, उनसे हम सबको सीख लेनी चाहिये। उन्होंने कहा कि शिक्षा ऐसा हथियार है, जिससे एक पीढ़ी यदि मेहनत कर जाये और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान कर दें तो आगे आने वाली पीढ़ियां की परेशानी काफी कम हो जाती है। पढ़ाई के बल पर बहुत कुछ किया जा सकता है। शिक्षा का बहुत महत्व होता है तभी व्यक्ति अच्छी शिक्षा के बल पर अच्छी स्थान पर पहुंचता है। बहुत से लोगों ने जो ऊंचाईयां हासिल की है, अपने माता-पिता से आगे निकल गये हैं तो यह बाबा अम्बेडकर साहब से सीखने वाली चीज है। जिलाधिकारी ने कहा कि बाबा साहब के आदर्शों से हम सीख लेते हैं। यहां जो भी अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित है, सभी सामान्य परिवार से ही होंगे। सभी को किसी भी तरह का भेदभाव नही करना चाहिए। लड़का और लड़की के बीच शिक्षा को लेकर भेदभाव नही करना चाहिए। बेटी के शिक्षित होने से समाज अधिक शिक्षित होता है, परिवार प्रगति करता है। बाबा साहब सही को सही और गलत को गलत बोलने से कभी कतराए नही है। वैचारिक मतभेद अलग होने के बावजूद भी बाबा साहब ने देश व समाज हित में ही कार्य किया। जिलाधिकारी ने बाबा साहब के दर्शन को संविधान से जोड़ते हुए प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। आज अभी जो कुरीतियां समाज मे रह गई है सभी के बोलने से उस कुरीतियों की दूर करने का प्रयास किया जाएगा। सभी लोग अपने शाहयोगियो से अच्छा व्यवहार रखे। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी को वेतन मिलता है सच बोलने का, सच लिखने का, सच के साथ रहने का। अतः हम सबको सच का अनुसरण करना चाहिए।
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व नीतीश कुमार सिंह ने बाबा साहब के व्यक्तित्व व जीवन शैली प्रकाश डालते हुए, अर्जित शिक्षा के दौरान उत्पन्न चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज हमें बाबा साहब से सीख मिलती है कि उनकी इच्छाशक्ति से जो चाहा वो सब प्राप्त किया। बाबा साहब जन्म से सामान्य थंे किंतु अपने संघर्षों से अपनी पहचान बनाई और महापुरुष के रूप में पहचाने जा रहे हैं। बाबा शाहब की दूरदर्शिता के कारण अपने अधिकारों व कर्तव्यो का निर्वहन कर रहे हैं। बाबा साहब द्वारा संपादित अखबारों ने समाज मे सामाजिक चेतना को जन्म दिया। वर्तमान परिवेश में बाबा साहब की प्रासंगिकता हम लोग देख रहे हैं।
अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) सुनील कुमार सिंह ने बाबा साहब के त्यागपूर्ण जीवन पर प्रकाश डाला। शोषित, नारी पिछड़े, बच्चों पर ही उनका जीवन समर्पित रहा। सीतापुर में अनेक पिछड़े गांव है अगर उन गांवों के पिछड़े लाभार्थियों को उनका लाभ पहुंचा दंे तो बाबा साहब की संकल्पना बहुत हद तक पूर्ण होती दिखेगी।
नगर मजिस्ट्रेट कृष्णा नन्द तिवारी ने कहा कि सभी को संविधान के तहत लाना, सभी को समान अधिकार मिलना बाबा साहब की ही देन है। किसी के साथ भेदभाव न हो यही हम सब की संकल्पना रहेगी।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नितिन सिंह ने भी बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर जी के प्रति अपने विचार व्यक्त करते हुये उन्हें याद किया।

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