इस वर्ष समय से सत्यापन न होने से सरकारी धान क्रय केंद्रो पर फैला सन्नाटा।

 

नैमिष टुडे
अभिषेक शुक्ला

सीतापुर। संयुक्त किसान मोर्चा संयोजक पिंदर सिंह सिद्धू ने खाद्य एवं रसद विभाग प्रमुख सचिव को ई मेल भेज कर धान खरीद में किसानों को हो रही समस्याओं की जमीन हकीकत से अवगत कराया। किसान नेता ने कहा सरकार के वादे सब हवा हवाई। 15,15 दिन सत्यापन नहीं होता पंजीकरण की ऑनलाइन साइड खुलती नहीं। तत्काल न सत्यापन होने से किसान मजबूरन अपनी फसल को ओने- पौने दामों पर मंडी में बेच देता है।
180, क्रय केंद्र सरकार द्वारा सीतापुर जिले में खोले गए हैं।
सरकार द्वारा किसान की धान की फसल 2,कुंतल 87,किलो बीघा के हिसाब से सत्यापन किया जाता है। जबकि किसान की उपज लगभग 5 कुंतल बीघा है।
यदि सरकार सच में किसान हितैसी है तो, तत्काल प्रभाव से किसान का पंजीकरण प्रति बीघा 5,कुंतल के हिसाब से अनुमति दे। 50, क्विंटल से काम वाले किसानों का धान सिर्फ पंजीकरण करके सरकारी क्रय केंद्र पर खरीद लिया जाए। जिस तरीके 2 वर्ष पहले बटाईदार का सत्यापन होता था। इस तरीके से दोबारा से
चालू किया जाए। बटाईदार उसका लाभ मिल सके, सिख संगठन अध्यक्ष गुरपाल सिंह ने मीडिया से बात करके कहा ,
किसान का पंजीकरण न होने के कारण। किसान अपनी फसल को खुले बाजार मंडी में बेच रहा है। जिसका रेट 1700, से 18, सौ रुपए प्रति कुंतल मिल रहा है। 380,से 480,रुपए प्रति कुंटल का घटा सरकारी प्रणाली की वजह से किसानों को हो रहा है। यदि सत्यापन तत्काल हो जाए तो, सभी किसान अपनी धान की फसल को सरकारी सेंटर पर बेच कर लाभ ले सकते है। यही कारण है कि लोग अब बासमती धान की फसल उगाते हैं। और अच्छे रेट में खुले बाजार में बेचते हैं। 50% से ज्यादा धान किसान का मंडी में बिक चुका है। लेकिन सरकारी क्रय धान के सेंटरों पर इसलिए अभी तक नाम मात्र ही खरीद हुई है।

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