संयुक्त किसान मोर्चा संयोजक पिंदर सिंह सिद्धू ने खाद्य एवं रसद विभाग प्रमुख सचिव को ई मेल भेज कर धान खरीद में किसानों को हो रही समस्याओं की जमीन हकीकत से अवगत कराया ,!
किसान नेता ने कहा सरकार के वादे सब हवा हवाई ,
15 15 दिन सत्यापन नहीं होता पंजीकरण की ऑनलाइन साइड खुलती नहीं ,तत्काल न सत्यापन होने से किसान मजबूरन अपनी फसल को ओने- पौने दामों पर मंडी में बेच देता है !
180 क्रय केंद्र सरकार द्वारा सीतापुर जिले में खोले गए हैं ,
सरकार द्वारा किसान की धान की फसल 2 कुंतल 87किलो बीघा के हिसाब से सत्यापन किया जाता है !
जबकि किसान की उपज लगभग 5 कुंतल बीघा है,
यदि सरकार सच में किसान हितैसी है तो, तत्काल प्रभाव से किसान का पंजीकरण प्रति बीघा 5 कुंतल के हिसाब से अनुमति दे,
50 क्विंटल से काम वाले किसानों का धान सिर्फ पंजीकरण करके सरकारी क्रय केंद्र पर खरीद लिया जाए ,
जिस तरीके 2 वर्ष पहले बटाईदार का सत्यापन होता था इस तरीके से दोबारा से
चालू किया जाए ,बटाईदार उसका लाभ मिल सके
सिख संगठन अध्यक्ष गुरपाल सिंह ने मीडिया से बात करके कहा ,
किसान का पंजीकरण न होने के कारण ,
किसान अपनी फसल को खुले बाजार मंडी में बेच रहा है ,जिसका रेट 1700 से 18 सो रुपए प्रति कुंतल मिल रहा है, 380 से 480 रुपए प्रति कुंटल का घटा सरकारी प्रणाली की वजह से किसानों को हो रहा है, यदि सत्यापन तत्काल हो जाए तो, सभी किसान अपनी धान की फसल को सरकारी सेंटर पर बेच कर लाभ ले सकते है,
यही कारण है कि लोग अब बासमती धान की फसल उगाते हैं! और अच्छे रेट में खुले बाजार में बेचते हैं,
50% से ज्यादा धान किसान का मंडी में बिक चुका है ,
लेकिन सरकारी करें धान के सेंटरों पर इसलिए अभी तक नाम मात्र ही खरीद हुई है!!