
कपिल देव ने कहा कि क्रिकेट के प्रशंसक के रूप में उन्होंने पहला आटोग्राफ विश्वनाथ का लिया था और उन्होंने इसे अभी भी सहेजकर रखा है। उन्होंने कहा, ‘इस किताब को 20 साल पहले लिखा जाना चाहिए था। काश मैं उनकी तरह बन पाता और उनकी तरह व्यवहार कर पाता। मैं हमेशा उनकी तरफ देखता था। खेल के सच्चे दूत। वह मेरे सर्वकालिक हीरो हैं।’
73 वर्षीय विश्वनाथ ने कहा कि उन्होंने शुरुआत में कौशिक के विचार को ठुकरा दिया था लेकिन बाद में उनके परिवार ने उन्हें मनाया। भारत के लिए 91 टेस्ट में 6080 रन बनाने वाले विश्वनाथ ने कहा, ‘मेरे साथ जिस तरह का बर्ताव किया गया वह शानदार है। विश्व क्रिकेट के दो महान खिलाड़ियों (गावस्कर और कपिल) के बीच खड़ा होना। मेरे साथ अश्विसनीय बर्ताव हुआ।’ इस मौके पर बीसीसीआइ के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि भारत के लिए खेलने की इच्छा रखने वाले युवा खिलाड़ियों को यह किताब पढ़कर खेल के बारे में काफी कुछ सीखने को मिलेगा।