समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नई परंपरा प्रारंभ कर दी है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को उत्तर प्रदेश विधानसभा में समाजवादी पार्टी विधायक दल का नेता घोषित किया है। शिवपाल सिंह यादव विधानसभा में अब नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में रहेंगे। पहले यह पद राम गोविंद चौधरी के पास था, लेकिन बलिया के बांसडीह से चुनाव हारने के बाद वह इस दौड़ से बाहर हो गए हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 21 मार्च को लखनऊ में पार्टी के सभी निर्वाचित विधायकों की बैठक भी बुलाई है। सभी विधायकों को पार्टी कार्यालय में बुलाया गया है, जहां पर अखिलेश यादव सुबह 11 बजे से उनसे भेंट भी करेंगे।
अखिलेश यादव ने अपने इस कदम से यह संकेत भी दे दिया है कि वह मैनपुरी के करहल से चुनाव जीतने के बाद अब विधानसभा सदस्य के पद से इस्तीफा दे देंगे। वह आजमगढ़ से समाजवादी पार्टी से सांसद हैं। जहां से सपा को बड़ी सफलता मिली है। पूर्वांचल में समाजवादी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया है। इसके साथ ही अखिलेश यादव का फोकस 2024 के लोकसभा चुनाव पर भी है। माना जा रहा है कि सीतापुर की जेल मे बंद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां भी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे। आजम खां रामपुर से सांसद हैं।
उधर समाजवादी पार्टी गठबंधन की हार पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि इस बार की हार में संगठनात्मक तौर पर खामियां बड़ा कारण बनी हैं। उन्होंने कहा कि जनता के प्रति हमारा स्नेह है, संगठन को लेकर खामियां रह जाती हैं। हम सब इन कारणों की करेंगे और जो खामियां रह गईं हैं उन्हें दूर करने की पूरी कोशिश करेंगे। प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव ने कहा कि जमीनीं स्तर पर सपा के पक्ष में अच्छा माहौल था। हालांकि कहीं न कहीं कुछ खामियां जरूर रह गई हैं जिसे दूर करने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि हम लोग हार के कारणों का समीक्षा करेंगे और जो खामियां रह गईं हैं उन्हें दूर करेंगे। उन्होंने कहा कि सपा का वोट प्रतिशत बढ़ा है और विपक्ष मजबूती के साथ जीता है। फिलहाल संगठन को दुरूस्त करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जनता के प्रति हमारा स्नेह है और इसलिए हम बैठने वाले नहीं हैं। जनता के बीच जाते रहेंगे और संगठन के लिए जो भी मुझे जिम्मेदारी मिलेगी। मैं उसे पूरा करूंगा।