नई दिल्ली। पांच राज्यों के चुनाव में हार से कांग्रेस के गहराए संकट और संगठन में बदलाव की दुबारा उठी आवाज के बीच सोनिया गांधी ने रविवार को पार्टी कार्यसमिति की बैठक बुलाई है। इसमें हार की समीक्षा करने के साथ मौजूदा संकट से उबरने के उपायों पर चर्चा होगी। कांग्रेस के सिकुड़ते आधार से बेचैन पार्टी के असंतुष्ट नेताओं का समूह जी 23 इस बैठक में नेतृत्व की कमजोरियों को लेकर उसे घेरने की तैयारी में है। इसलिए बैठक के दौरान गरमागरम बहस की पूरी संभावना है।
पार्टी की दुर्दशा पर चौतरफा उठाए जा रहे सवालों और बदलाव के लिए असंतुष्ट खेमे के आक्रामक तेवरों को भांपते हुए कांग्रेस नेतृत्व भी अब ज्यादा देरी का जोखिम उठाने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में कार्यसमिति की रविवार को होने वाली सबसे निर्णायक बैठक में कांग्रेस के नए अध्यक्ष का चुनाव तय समय से पूर्व कराने का फैसला लिए जाने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा रहा है।
कांग्रेस के नए अध्यक्ष का चुनाव जल्द कराने का कार्यसमिति में फैसला होता है तो इसका मतलब साफ होगा कि हाईकमान पार्टी में बढ़ रही बेचैनी को विद्रोह में तब्दील नहीं होने देना चाहता। संगठन चुनाव के वर्तमान कैलेंडर के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव सितंबर में होना है मगर 10 मार्च के चुनाव नतीजों के बाद असंतुष्ट खेमे के नेतृत्वकर्ता गुलाम नबी आजाद से लेकर शशि थरूर सरीखे नेताओं ने संगठन में तत्काल बदलाव और सुधार की जो आवाज उठाई है उसे देखते हुए नेतृत्व के लिए मौजूदा ढर्रे पर चलना अब मुश्किल हो गया है।