बिजनौर: परचम लहराने वाली बसपाBSP अब मुख्य मुकाबले से भी बाहर हो गयी है। अब सीट सात से बढ़कर आठ हो चुकी, लेकिन सभी पर बसपा BSP तीसरे ही स्थान पर रही। यह वही बिजनौर है, जहां से ही 1989 में बसपा BSP का दोनों सदनों में खाता खुला था।मायावती स्वयं पहली बार लोकसभा यहीं से चुनकर पहुंची थी। बसपा का दोनों सदनों में खाता1989 में बिजनौर से ही खुला था।
इससे पहले तक किसी भी सदन में बसपा BSP का कोई सदस्य नहीं था।1989 में बिजनौर लोकसभा सीट से जीतकर मायावती पहली बार लोकसभा पहुंचीं थी। उस समय यूपी विधानसभा के चुनाव भी आम चुनाव के साथ ही हुए थे। प्रदेश भर में बसपा BSP से जीते 13 विधायकों में से तीन विधायक बिजनौर जिले से चुने गए थे। 2007 में बसपा BSP जिले में अपने चरम पर थी। जिले की सभी सातों विधानसभा सीटों पर बसपा BSP ने अपना परचम लहराया था।
2012 में जब पूरे प्रदेश में सपा की लहर थी, उस समय बिजनौर काफी हद तक अछूता रहा। परिसीमन के बाद आठ हुई विधानसभा सीटों में बसपा BSP चार पर काबिज रही। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बिजनौर की आठों सीटों में से बसपा BSP को कोई सीट नहीं मिली। छह सीटों पर भाजपा और दो पर सपा विजयी हुई थी। अब 2022 के चुनाव में बसपा BSP जिले की आठों सीटों पर मुख्य मुकाबले से बाहर नजर आई। सभी सीटों पर बसपा BSP प्रत्याशी तीसरे स्थान पर ही रहे।