जिला अध्यक्ष राष्ट्रवादी युवा अधिकार मंच एसके तूफानी पत्रकार फर्जी मामले की-की निंदा, हो निष्पक्ष जांच

जिला अध्यक्ष राष्ट्रवादी युवा अधिकार मंच एसके तूफानी पत्रकार फर्जी मामले की-की निंदा,हो निष्पक्ष जांच

●सीएचसी अधीक्षक बिसवां अमित कपूर का पत्रकारों को फर्जी मामले में फंसाने का मामले की चर्चा तेज

सीतापुर। सीएससी केंद्र अधीक्षक बिसवां अमित कपूर का पत्रकारों पर फर्जी मामले में फंसाने का विवाद,अब तेजी से सुर्खियां बन रहा है और चर्चाओं में आ गया है। आखिरकार शासन द्वारा दी गई गाइड लाइन पर कब खरे उतरेंगे अधिकारी जबकि उत्तर प्रदेश सरकार के योगी नेतृत्व कहना साफ है कि पत्रकारों का उत्पीड़न सहन नहीं होगा उसके बावजूद भी कहीं न कहीं पत्रकारों को फसाने के लिए जाल बुना जाता है।जिससे की पत्रकार की आवाज को दबाया जा सके और सच्चाई अंदर ही अपना दम तोड़ दे। मामला प्रकाश में आया है सीएचसी बिसवां अधीक्षक अमित कपूर के द्वारा पत्रकारों को फर्जी तरीके से फसाने के लिए कोतवाली थाना बिसवां में प्रतिवेदन देने का मामला पत्रकारों में आक्रोश जगाने लगा है।जिस पर संवाददाता ने राष्ट्रवादी युवा अधिकार मंच के जिला अध्यक्ष/वरिष्ठ पत्रकार एसके तूफानी से बातचीत की और पत्रकारों पर फर्जी मामले में उनकी क्या प्रतिक्रिया है?तो उन्होंने बताया कि आज के समय में जब पत्रकार कोई सच्चाई लिखते हैं,तो उसको फर्जी तरीके से फसाकर मामला दबाने का प्रयास किया जाता है। ताकि उसके अंदर दहशत पैदा हो जाए,जिसकी कटु शब्दों में वह निंदा करते हैं और इसकी निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए।जब उनसे पूछा गया कि क्या आप इस पर संज्ञान लेंगे और ज्ञापन देकर राष्ट्रवादी युवा अधिकार मंच की ओर से मामले की जांच के लिए आवाज उठाएगा?तो जिला अध्यक्ष एसके तूफानी बेबाकी से उत्तर दिया की कहीं न कहीं समाचार प्रकाशन में जो संदेह जताया गया वह सत्य होता प्रतीत दिख रहा है,जिससे हताश होकर और पत्रकारों पर दबाव बनाने के लिए सीएचसी अधीक्षक बिसवां अमित कपूर के द्वारा ऐसा किया जा रहा है,इस पर अधिकारियों को संज्ञान लेना चाहिए,शासन-प्रशासन को वित्तीय मामले और भ्रष्टाचार की जांच करानी चाहिए।जिससे कि जो संदेह समाचार पत्रों में प्रकट किया गया है,उसमें कितनी सच्चाई है यह पता चल सके। क्योंकि समाचार पत्र ने आरोप नहीं लगाए बल्कि संदेह प्रकट किया है कि ऐसा हो सकता,परंतु उन्हें फर्जी मामले में फसाकर शायद सीएचसी बिसवां अधीक्षक अमित कपूर द्वारा यह सिद्ध कर दिया गया कि यह सब सच है? फिलहाल सत्य है या नहीं यह तो जांच का बिषय है,उसके बाद ही पता चलेगा,जहां तक ज्ञापन की बात है तो पत्रकारों पर फर्जी फसाने के मामले में वह राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से बात करेंगे जो निर्देश होगा उस पर आगे की कार्यवाही की जाएगी हम पीड़ित पत्रकारों के साथ हैं उन पर फर्जी मामले में फसाना अन्याय पूर्ण है इसकी जांच होनी चाहिए।

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