मिश्रिख सीतापुर / 88 हजार ऋषि मुनियों की पावन तपो भूमि नैमिषारण्य में विशाल शोभा यात्रा के साथ श्रीमद भागवत कथा का शुभारम्भ हो गया है । आयोजित कथा श्री राधे माधव सत्संग सेवा समिति के तत्वाधान में सम्पन्न हो रही है । शोभा यात्रा आनंद किशन भवन से शुरु होकर चक्र तीर्थ की परिक्रमा करते हुए पुनः कथा स्थल पहुंची ।
शोभा यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाऐ सिर पर कलश रखकर चल रही थीं । कथा व्यास आनंद भाई शास्त्री ने भक्तों को कथा का रसपान कराते हुए कहा कि अपना जीवन सफल बनाने के लिए भागवत कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। भागवत से मिले ज्ञान को यदि हम अपने जीवन में उतारेंगे तो निश्चित ही हमारा जीवन सफल हो जाएगा ।
उन्होंने कहा कि निश्चित ही हमें प्रभु का गुणगान करना चाहिए। इससे हमारे कष्ट दूर होते हैं । और सुखी जीवन प्राप्त होता। कथा की सार्थकता तब सिध्द होती है । जब इसे हम अपने जीवन के व्यवहार में धारण कर निरंतर हरि स्मरण करते हुए अपने जीवन को आनंदमय, मंगलमय बनाकर अपना आत्म कल्याण करें।
भागवत कथा से मन का शुद्धीकरण होता है। इससे संशय दूर होता है । श्रीमद भागवत कथा श्रवण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है। जहां अन्य युगों में धर्म लाभ एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए कड़े प्रयास करने पड़ते हैं । कलयुग में कथा सुनने मात्र से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है।