
प्रशासन की आंखों पर पट्टी बांध कर ग्राम पंचायत श्रीनगर में हो रहा बड़ा भ्रष्टाचार
प्रधान और सचिव के मिलकर किया सरकारी फंड का गबन
नैमिष टुडे/संवाददाता
जनपद लखीमपुर की ब्लाक फूलबेहड़ की ग्राम पंचायत श्रीनगर में ग्राम प्रधान मैसूर जहां और उनके सचिव दिनेश कुमार वर्मा द्वारा किए गए बड़े भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। आरोप है कि इन दोनों ने मिलकर सरकारी योजनाओं के फंड में गड़बड़ी की और प्रधान के परिवार के सदस्यों के नाम पर करोड़ों रुपये का भुगतान किया।
*बालू आपूर्ति का फर्जीवाड़ा*
ग्राम प्रधान के बेटे जकी अहमद के नाम पर “बालू आपूर्ति” का पैसा निकाला गया, जबकि बालू आपूर्ति से संबंधित कोई वैध अनुबंध या अनुमति नहीं थी। इस मामले में ग्रामीणों का सवाल है—
प्रधान के बेटे ने किस आधार पर बालू आपूर्ति का भुगतान लिया?
क्या गैरकानूनी तरीके से बालू खनन किया गया और फिर पंचायत में सप्लाई दिखाकर फर्जी भुगतान किया गया?
अगर बालू की आवश्यकता थी, तो इसके लिए आधिकारिक टेंडर या स्वीकृति क्यों नहीं ली गई?
*मिट्टी आपूर्ति और मजदूरी का फर्जीवाड़ा*
इसके अलावा, प्रधान की विवाहित बेटी और पुत्रवधु को “राजमिस्त्री” का काम दिखाकर लाखों रुपये का भुगतान किया गया, जबकि न तो उन्होंने कोई काम किया और न ही उनका इस कार्य से कोई संबंध था।
मिट्टी पटाई के नाम पर भी फर्जी भुगतान किया गया, लेकिन जांच में पता चला कि जमीन पर कोई काम नहीं हुआ।
*ग्रामीणों का आक्रोश और निष्पक्ष जांच की मांग*
ग्रामीणों का कहना है कि यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाती है तो सारे भ्रष्टाचार का खुलासा हो जाएगा। लेकिन उनका यह भी मानना है कि विकास खंड फूलबेहड़ का कोई भी अधिकारी इस मामले की जांच न करे, क्योंकि वहीं से कमीशन का खेल शुरू होता है। इसलिए गैर विभागीय अधिकारी की अगुवाई में जांच की मांग की गई है।
ग्रामीणों ने यह भी कहा कि अगर दोषियों की आय से अधिक संपत्ति का मामला भी खोला जाए, तो उनकी भ्रष्टाचारी गतिविधियों का पर्दाफाश और भी बड़े पैमाने पर हो सकता है।
*प्रशासन से कार्रवाई की उम्मीद*
ग्रामवासियों का मानना है कि प्रशासन इस मामले में कोई ठोस कदम उठाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। इस मामले में खंड विकास अधिकारी से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
ग्रामीणों ने जिले के मुख्य विकास अधिकारी से अपील की है कि वह श्रीनगर ग्राम पंचायत का औचक निरीक्षण करें, जैसे वह जिले की अन्य पंचायतों में निरीक्षण करते हैं। इससे यह साफ हो जाएगा कि गांव में कितना विकास है और कितना भ्रष्टाचार हुआ है
ग्रामीणों को ग्राम पंचायत श्रीनगर के इस घोटाले पर अब प्रशासन की कार्रवाई का इंतजार है। ग्रामीणों ने साफ तौर पर यह संदेश दिया है कि भ्रष्टाचारियों को किसी भी हाल में बचने नहीं दिया जाएगा और निष्पक्ष जांच से ही पंचायत का सही विकास संभव है।