UP Election 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी से सटे हुए जौनपुर जिले की मुस्लिम बहुल सीट जौनपुर सदर पर समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस ने चुनाव में मुसलमान उम्मीदवार खड़े किए हैं, ऐसे में इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को वोट बंटने से विधानसभा तक पहुंचने की राह आसान होने की उम्मीद है.हालांकि खराब सड़कें, शहर में रोजाना लगने वाला भयंकर जाम , मंहगाई, बेरोजगारी और लावारिस पशु जैसे अनेक मुद्दे बीजेपी के मौजूदा विधायक गिरीश यादव के लिए परेशानी का सबब भी बन सकते हैं.
खबर में खास
बीजेपी को गिरीश यादव पर भरोसा
दलित वोट और मुसलमान को एकजुट
व्यावसायी इकबाल अहमद ने बताया
व्यापारियों का कारोबार बिल्कुल ठप
काननू व्यवस्था पहले से बेहतर
बीजेपी को गिरीश यादव पर भरोसा
विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने वर्तमान विधायक और योगी सरकार में मंत्री गिरीश यादव पर एक बार फिर भरोसा जता कर उन्हें मैदान में उतारा हैं . तीन प्रमुख दलों में सपा ने मोहम्मद अरशद खान, बसपा ने सलीम खान एवं कांग्रेस ने नदीम जावेद को उम्मीदवार बनाया है. नदीम जावेद 2012 में इसी सीट से कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं और 2017 के चुनाव में वह सपा और कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में मैदान में थे, लेकिन बीजेपी के गिरीश से चुनाव हार गये थे .
बीजेपी के वर्तमान विधायक यादव बीजेपी के विकास कार्यों और मुस्लिम वोटों के बंटने की आस से अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं . वहीं सपा के मोहम्मद अरशद खान जो 1993 में इसी क्षेत्र से सपा बसपा गठबंधन से विधायक रह चुके हैं,उन्होंने अपने शुभचिंतकों और मुस्लिम यादव गठजोड़ के आधार पर जीत का भरोसा जताया है.
दलित वोट और मुसलमान को एकजुट
बसपा के सलीम खान इस क्षेत्र में अपने परंपरागत दलित वोट और मुसलमान को एकजुट कर अपनी लड़ाई को धार देने में जुटे हैं. वहीं कांग्रेस के नदीम जावेद को भरोसा है कि पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा का महिलाओं के लिए दिया गया नारा ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’, उन्हें महिलाओं का वोट दिलायेगा साथ ही शहर के सभी वर्गों के शिक्षित और युवा उन्हें एक बार फिर से विधायक बनायेंगे .
जौनपुर जिला वाराणसी से लगा हुआ है . जौनपुर सदर विधानसभा क्षेत्र में साढे तीन लाख से अधिक मतदाता हैं जिसमें मुस्लिम मतदाताओं की संख्या नब्बे हजार से अधिक है. मुस्लिम मतदाताओं के बाद इस क्षेत्र में वैश्य, मौर्य के साथ क्षत्रिय मतदाताओं की अच्छी संख्या है.