
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डाक्टर व लैब टेक्नीशियन मिलकर लूट रहे मरीजों का हो रहा शोषण
संवाददाता दिलीप त्रिपाठी
महमूदाबाद सीतापुर उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं परिवार कल्याण उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ निदेशक चिकित्सा एवं परिवार कल्याण उत्तर प्रदेश लखनऊ एवं जनपद स्तर के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से पूर्ण रूप से पैसा कमाने का जरिया बन गया है बिना कारण के अल्ट्रासाउंड खून की जांच एक्सरे लिखा जा रहा है और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महमूदाबाद जनपद सीतापुर उत्तर प्रदेश में जानबूझकर के उप मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ बृजेश पाठक का निरीक्षण हो चुका है 8 महीने बीत गए हैं एक्स रे मशीन अल्ट्रासाउंड मशीन आज तक ठीक नहीं हो पाई तहसील महमूदाबाद जनपद सीतापुर उत्तर प्रदेश में मेडिकल अधिकारी 2009-10 से तैनात है जो सबसे ज्यादा ओपीडी मरीजों को देखता है उसके पीछे मुख्य कारण खून की जांच एक्सरे और अल्ट्रासाउंड प्रमुख रूप से बिना कारण के लिखा जाता है जिसके पीछे 70 पर्सेंट कमीशन तक लिया जाता है अल्ट्रासाउंड एक्स रे मशीन खून की जांच करते समय कोई भी बिल रसीद नहीं दी जाती है एक डॉक्टर कम से कम 100 से अधिक ओपीडी करता है और 250 से अधिक रुपए एक अल्ट्रासाउंड पर कमीशन मिलता है कम से कम ₹25008 प्रति दिन की कमाई है एक मेडिकल अधिकारी की कमाई इतनी हैं जो डॉक्टर जितने मरीज देखता है पर्ची पर लिखकर के बाहर से करवाता है कमीशन खोरी आम बात हो गई है और मुख्य रूप सेसामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महमूदाबाद जनपद सीतापुर उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक ओपीडी देखने और उसमें एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड बिना कारण के लिखने तथा लैब टेक्नीशियन पंकज वर्मा पुत्र अमर सिंह वर्मा क्षेत्रीय महमूदाबाद के निवासी हैं जो रामा डायग्नोस्टिक सेंटर विसवा रोड तहसील महमूदाबाद में सर्वाधिक जांचें 70 पर्सेंट कमीशन के साथ सभी डॉक्टर लिख रहे हैं जिसकी उत्तर प्रदेश विजिलेंस जांच कराकर तथा पंकज वर्मा को तत्काल घटाकर 11 वर्ष से तैनात मेडिकल अधिकारी डॉक्टर को हटाकर तत्काल इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने के संबंध में अपेक्षा की जाती है बार-बार शिकायत करने पर भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीतापुर के स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं होती है डॉक्टर एसएन गुप्ता की शिकायत उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ से की गई मौके पर की गई न्यूज़ चैनल पर चलाया गया है और एसएन गुप्ता खुरवल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात है जानबूझकर के वहां नहीं जाता है इमरजेंसी के नाम पर पूरे महीने महमूदाबाद में ही मरीज देखता है कमीशन बाजी होती है और लगभग सभी डॉक्टर ऐसा ही करते हैं जो जितना मरीज देखेगा उतना ही कमीशन बनेगा रामा डायग्नोस्टिक सेंट्रल को जांचे लिखी जाएंगी उस में भारी मात्रा में कमीशन है
मैं कहीं से नहीं मानता वर्तमान में योगी आदित्यनाथ की सरकार ईमानदारी से काम कर रही है व्यक्तिगत रूप से योगी आदित्यनाथ जी ईमानदार हो सकते हैं लेकिन उनके अधिकारी और नीचे तक भ्रष्टाचार व्याप्त है लैब टेक्नीशियन हो चाहे डॉक्टर हो एक जगह पर 11 साल से तैनाती होना आश्चर्यचकित करता है और 3 साल 5 साल से अधिक तैनात हैं महमूदाबाद में एक मेडिकल अफसर की तैनाती 11 साल हो गए हैं स्थानांतरण तक नहीं हुआ मैं कैसे मान जाऊं योगी आदित्यनाथ की सरकार ईमानदार है सरकार का कंठ कंठ भ्रष्टाचार में डूबा है भारतीय जनता पार्टी की सरकार या चाहे जो सरकार हो स्वास्थ्य विभाग कभी ठीक नहीं हो सकता है आईजीआरएस शिकायत करने पर शहरी क्षेत्र का कालम हमेशा मेरे मोबाइल का ब्लॉक रहता है इसकी भी विजिलेंस जांच होनी चाहिए इसके पीछे कौन है।
माननीय मुख्य न्यायाधीश महोदय से अनुरोध है इस मामले में तत्काल संज्ञान लेकर सभी अभिलेख रिकॉर्ड तलब कर स्वतंत्र जांच एजेंसी सीबीआई जांच कराएं राज्य सरकार की किसी भी जांच का कोई मतलब नहीं है