
कब तक होता रहेगा पत्रकारों पर अत्याचार
मिश्रित पत्रकार पर हुआ जानलेवा हमला आपको बताते चलें कि रेलवे क्रॉसिंग फटका पर मनीष मौर्य मिश्रिख से भट्ठा पर पैसा जमा करने जा रहे थे जहां अचानक 6 से 7 लोग आए गाड़ी रुपए और सीधे मारने लगे समझ में नहीं आ रहा था कि यह लोग क्यों मार रहे हैं उनके पास एक तमंचा और कुछ लोग लोगों के पास लोहे की जंजीर हां की बेल्ट से प्रहार कर उन्हें घायल कर दिया वहीं पर बेहोश हो गया कुछ लोग चले गए हो शायद तब लगा कि पत्रकार के चयन व पैसे छीन लिए ग्रामीणों ने जान बचाई ग्रामीणों ने वहीं पर सीएससी हॉस्पिटल पहुंचा आपको बताते चलें कि जो बात लिखने वाले संविधान को मानकर चलने वाले पत्रकारों पर जो इसी तरह से जानलेवा हमला होता रहेगा समस्या प्रहार किया है एक पत्रकार है झूठ को सच दिखाता है और सच को सच दिखाता है सत्ता के दबाव में पत्रकार ना झुका है ना झुकेगा सत्ता का गुरूर दिखाकर पत्रकार पर मिश्रिख में दोबारा हमला हुआ है आए दिन पत्रकारों पर हमला हो रहा है पुलिस सो रही है क्या लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला होता है बड़े ही शर्म की बात है कि सरकार पुलिस प्रशासन पत्रकारों की रक्षा अध्ययन करेगा तो आखिर कौन करेगा अपनी जान हथेली पर लेकर पत्रकार झूठ को सच दिखाते हैं और उन्हीं पर हमला होता है तो पुलिस प्रशासन मौन को क्यों आखिर खाकर खादी से क्यों डरती है पत्रकार के रक्षक क्यों नहीं करते हैं