खण्ड शिक्षा अधिकारी के उक्तसाने पर विद्यालय इंचार्ज ने पत्रकारों से की अभद्रता,प्रधान से लेकर मंत्री तक को दी गाली

खण्ड शिक्षा अधिकारी के उक्तसाने पर विद्यालय इंचार्ज ने पत्रकारों से की अभद्रता,प्रधान से लेकर मंत्री तक को दी गाली

सुधीर मिश्रा

पहला/सीतापुर

 

 

 

 

पूरा मामला जनपद सीतापुर के ब्लॉक पहला का है जहां पर प्राथमिक विद्यालय नट सरैया में तैनात विद्यालय इंचार्ज अध्यापक आकाश ने विद्यालय का कवरेज करने गए पत्रकारों से बड़े अभद्र तरीके से बातचीत की।

हुआ कुछ ऐसा की ग्रामप्रधान ने विद्यालय कायाकल्प के नाम पर कुछ भी नही किया जिसकी सूचना गांववालो ने पत्रकारों को दी।

सूचना पाकर पत्रकार विद्यालय पहुंचे जहा पर देखा की बच्चो को विद्यालय के बाहर बिठाकर पढ़ाया जा रहा है

और विद्यालय में कायाकल्प के नाम पर कुछ भी नही हुआ है।

पत्रकारों ने अपना कवरेज शुरू किया की तब तक विद्यालय में तैनात इंचार्ज अध्यापक आकाश ने डीएम का लिखित आदेश दिखाने की बात की।

पत्रकारों द्वारा खण्ड शिक्षा अधिकारी से फोन के माध्यम से बात की गई वा अध्यापक से बात कराई गई ।

तो इंचार्ज अध्यापक आकाश ने बताया कि खण्ड शिक्षा अधिकारी ने कोई भी जानकारी देने से मना कर रखा है मेरा विद्यालय बंद हो जाए इसके बाद में आप अपना कवरेज कर लेना अभी में आपको न ही तो फोटो खींचने दूगा और न ही वीडियो बनाने दूगा खण्ड शिक्षा अधिकारी ने कहा है कि अब आप मुझे गुस्सा ना दिलाओ।

जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि पत्रकार को खबर लिखने वा खबर को कवरेज करने से कोई भी नही रोक सकता।

बातचीत के दौरान पता चला कि विद्यालय के अंदर बच्चो के सामने मास्टर साहब बड़े अजीब शब्द का प्रयोग करते है।

मास्टर साहब सभी बातों में ” साला” शब्द का प्रयोग इस तरीके से करते है जैसे “साला” शब्द उनका तकिया कलाम हो।

जो अध्यापक बच्चो के सामने इस तरह के शब्दों का प्रयोग करें तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उस विद्यालय के बच्चो का भविष्य क्या होगा।

 

अब सवाल यह उठता है कि इस कार्यवाहक प्रधानाचार्य ने मीडिया कर्मियों के साथ ऐसी अभद्रता क्यों की,

जबकि भारत देश का शासन हो या प्रशासन मीडिया कर्मियों का सम्मान करता है, फिर इस कार्यवाहक प्रधानाचार्य ने मीडिया कर्मियों के सामने अपनी बात न रखकर मीडिया कर्मियों से अभद्रता क्यों की,

सोचने वाली बात यह है कि कार्यवाहक प्रधानाचार्य के द्वारा मीडिया कर्मियों से किये गये व्यौहार का शिक्षा जगत में कहीं कोई स्थान है क्या,

क्या एक अध्यापक को ऐसी ओछी हरकत करने का अधिकार है,

कहीं ऐसा तो नहीं कार्यवाहक प्रधानाचार्य को इस भृष्टाचार में किसी न किसी रसूखदार का संरक्षण प्राप्त तो नहीं,

 

क्या योगी सरकार में इस कार्यवाहक प्रधानाचार्य वा खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा किये गये भृष्टाचार की जांच होगी या फिर लीपापोती होगी,

 

क्या योगी आदित्यनाथ की सरकार में एसे ही भृष्टाचार होता रहेगा, या फिर ऐसे भृष्टाचारियों पर अंकुश लगाकर कड़ी से कड़ी कार्यवाही भी होगी,

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