क्या अदालत का यह फैसला माल्या को भारत लाने में करेगा मदद?

दिल्ली: न्यायालय ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह कारावास की सजा काटने के लिए भगोड़े कारोबारी की उपस्थिति सुनिश्चित करे, जो 2016 से ब्रिटेन में है। इधर, जानकारों का मानना है कि अदालत के फैसले से माल्या को भारत लाने में एजेंसी को मदद मिलेगी।

 

66 वर्षीय माल्या ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”मेरे पास उच्चतम न्यायालय के फैसले पर यह कहने के अलावा और कुछ नहीं है कि मैं जाहिर तौर पर निराश हूं।” न्यायमूर्ति यू. यू. ललित की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने माल्या पर 2000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। माल्या को अवमानना के लिए नौ मई, 2017 को दोषी ठहराया गया था।केंद्र सरकार के पूर्व अटॉर्नी जनरल एवं वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि विजय माल्या अब तक सिर्फ वांछित थे। मगर, सुप्रीम कोर्ट की ओर से उन्हें अवमानना के मामले में चार माह कैद की सजा सुनाए जाने के बाद अब वह सजायाफ्ता की श्रेणी में आ गए हैं। ऐसे में माल्या को ब्रिटेन से प्रत्यर्पण संधि के तहत भारत लाने की कवायद में भारतीय एजेंसी को मदद मिलेगी।

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