गुजरात: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुजरात के नवसारी के चिकली में तीन लाख से अधिक आदिवासियों को संबोधित करेंगे. दिलचस्प बात ये है कि प्रधानमंत्री के इस आदिवासी इलाके में आने और आदिवासियों को संबोधित करने के पीछे एक बड़ा राजनीतिक कारण है.पिछले कई महीनों से इस इलाके में एक आंदोलन चलाया जा रहा है. उस आंदोलन का चेहरा बने हुए हैं कांग्रेस नेता अनंत पटेल. उनके द्वारा तापी-नर्मदा रिवर लिंक प्रोजेक्ट का विरोध हो रहा है. अब उसी इलाके में आज पीएम की बड़ी रैली होनी है. कहा जा रहा है कि आदिवासियों के गुस्से को शांत करने का काम किया जाएगा.
गुजरात में अंबाजी से लेकर उमरगांव का इलाका आदिवासी बहुल माना जाता है. जिसमें दक्षिण गुजरात में करीब विधानसभा की 13 ऐसी सीटें आती हैं, जहां पर इस आंदोलन के चलते कड़ा विरोध किया गया है. विधायक अनंत पटेल को इस आंदोलन के नेता के तौर पर देखा जाता है.
अनंत पटेल एक बेहद मामूली आदिवासी परिवार से आते हैं, ना कोई राजनीतिक परिवार से जुड़े हुए हैं और ना ही राजनीति में उनके कोई गॉडफादर हैं. अनंत पटेल 2010 में अपने गांव उनाई से बतौर सरपंच के चुनाव जीते थे और तभी से लगातार आदिवासियों के हक और न्याय के लिए काम कर रहे हैं. आदिवासियों के लिए हक और न्याय की लड़ाई के बाद 2015 में आनंत पटेल नवसारी जिले की वांसदा तहसील पंचायत के अध्यक्ष के तौर पर चुने गए. कांग्रेस ने तभी से उनका साथ देना शुरू किया और उन्हें अपने साथ ले आए. अपने आक्रामक अंदाज़ के लिए जाने जाते आनंत पटेल को 2017 में कांग्रेस ने इसी वासदा सीट से टिकट दे दिया और यहां के लोगों ने भी उन्हें भारी वोटों से जीत दिलाई.