शाम की पूजा में करें इन मंत्रों का जाप, मां लक्ष्मी बनाए रखती हैं अपनी कृपा

हिंदू धर्म में भगवान को प्रसन्न करने के तीन प्रमुख माध्यम हैं, तंत्र, मंत्र और यंत्र। जिसमें से मंत्रों को विशेष स्थान दिया गया है। आपने देखा ही होगा सबसे पहले वैदिक मंत्रोंच्चार के साथ कोई भी धार्मिक और मांगलिक पूजा की शुरुआत की जाती है।साथ ही हर घर में सुबह- शाम दीया जलाकर भगवान की आरती की जाती है। साथ ही मंत्रोंच्चार भी किया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है। शास्त्रों में शाम के मंत्र अलग से बताए गए हैं। जिनका उच्चारण करना शाम को विशेष फलदायी माना गया है। साथ ही इनके उच्चारण से मां लक्ष्मी प्रसन्न होतीं हैं। घर में सुख- शांति का वास रहता है। आइए जानते हैं इन विशेष मंत्रों के बारे में.1-इस मंत्र का अर्थ है कि दीपक के प्रकाश को में नमन करता हूं जो वातावरण में शुभता, स्वास्थ्य और समृद्धि लाता है। जो वातावरण और मन से अनैतिक भावनाओं व नकारात्मक शक्तियों को नष्ट करता है। इस दीपक को जलाने से सभी शत्रुओं का नाश हो और सुख शांति का वास हो।दीप का प्रकाश परब्रह्म स्वरूप है। दीप की ज्योति जगत् का दुख दूर करनेवाला परमेश्वर है। दीप मेरे पाप दूर करें। हे दीपज्योति, आपको नमस्कार करता हूं और आपको रोज जलाने की शपथ लेता हूं।इस मंत्र का शाब्दिक अर्थ है कि जो दिव्‍य प्रकाश मेरे अंदर- बाहर है और दुनिया में जो प्रकाश फैला है उसका मालिक एक है। सभी प्रकाशपुंजों का स्रोत एक ही है और वो परमात्‍मा है, शिव है। इस दीपक को रोजाना प्रकाशमान करने की शपथ लेता हूं।4-इस मंत्र का अर्थ है जो कपूर की तरह शुद्ध और गौर वर्ण वाले हैं, वह करुणा के साक्षात् रूप हैं, वही इस संसार का सार हैं और भुजंगों का हार धारण करते हैं। वे भगवान शिव माता पार्वती सहित मेरे ह्रदय में सदैव निवास करते हैं और उन्हें मैं प्रणाम करता हूं।

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