बीजेपी ने वो दौर भी देखा है, जब लोकसभा में उसके सिर्फ दो सांसद थे. आज दौर ये है कि उसके 300 से ज्यादा सांसद लोकसभा की कुर्सियों पर बैठे नजर आते हैं. शून्य से शिखर का सफर तय करने वाली बीजेपी में कभी अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी जैसे दिग्गज नेताओं की तूती बोलती थी. राम मंदिर आंदोलन की लहर और रथ यात्रा से लोगों के बीच पहुंचने वाली बीजेपी के पास 1996 में सरकार बनाने का मौका आया था लेकिन 13 दिन में अटल बिहारी वाजपेयी की अगुआई वाली सरकार गिर गई.
1998 में दोबारा आम चुनाव हुए और बीजेपी ने गठबंधन सहयोगियों की मदद से 5 साल सरकार चलाई. 2004 के चुनाव के बाद बीजेपी अगले 10 साल तक सत्ता का स्वाद नहीं चख सकी. लेकिन वक्त की खासियत है कि वो कभी एक जैसा नहीं रहता. दौर बदला. बीजेपी के बुजुर्ग नेता हाशिए पर हैं और अब पार्टी में नरेंद्र मोदी, अमित शाह, योगी आदित्यनाथ का सिक्का चलता है. लेकिन पिछले काफी समय से रह रहकर ये बात अकसर सोशल मीडिया पर उठती है कि पीएम नरेंद्र मोदी के बाद बीजेपी में सबसे ताकतवर नेता कौन है-गृह मंत्री अमित शाह या उत्तर प्रदेश में बीजेपी को दूसरी बार जीत दिलाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ.
हाल ही में एबीपी न्यूज के खास शो प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब यही सवाल जब चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से पूछा गया तो उन्होंने नरेंद्र मोदी के बाद सबसे ताकतवर बीजेपी नेता के तौर पर गृह मंत्री अमित शाह का नाम लिया. इस दौरान उन्हें योगी आदित्यनाथ के नाम का भी विकल्प दिया गया था.
बीजेपी के ‘चाणक्य’
नरेंद्र मोदी जब गुजरात के सीएम थे, उस दौर से अमित शाह उनके साथ हैं. 2014 में जब बीजेपी ने अपने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए नरेंद्र मोदी का नाम बढ़ाया तो चुनावी रणनीति बनाने की जिम्मेदारी अमित शाह को दी गई. हालांकि उस वक्त बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह थे लेकिन परदे के बीचे की सारी प्लानिंग अमित शाह के ही हाथ में थी. बीजेपी ने बंपर जीत हासिल करते हुए अपने दम पर बहुमत हासिल किया था. अकेले उत्तर प्रदेश से पार्टी को 70 से ज्यादा सीट मिली थीं. उसके बाद अमित शाह के अध्यक्ष रहते हुए एक के बाद एक हुए चुनावों में बीजेपी ने कई राज्यों में फतह हासिल की. बीजेपी शासित राज्यों की संख्या 21 तक पहुंच गई थी. इसके बाद बीजेपी और सियासी हलकों में न सिर्फ अमित शाह का कद बढ़ा बल्कि उन्हें ‘चाणक्य’ कहा जाने लगा. 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत के बाद अमित शाह गृहमंत्री बनाए गए. 2022 में बीजेपी शासित राज्यों की संख्या 18 है.
फायरब्रैंड लीडर से सबसे बड़े सूबे के बने सीएम
वहीं अगर बात योगी आदित्यनाथ की करें तो पूर्वांचल इलाके में उनका दबदबा किसी से छिपा नहीं है. उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर तहसील के पंचुर गांव में जन्मे योगी आदित्यनाथ ने जब घर छोड़ा तो शायद ही किसी ने सोचा हो कि वो जब अपने रिश्तेदारों से मिलने जाएंगे, तो दोबारा यूपी के सीएम बनकर. पूर्वांचल में गोरखपीठ का कितना रसूख है, इससे हर कोई वाकिफ है. जब बीजेपी 2017 के चुनाव में उत्तर प्रदेश में जीती तो रेस में सबसे आगे नाम था मनोज सिन्हा का. लेकिन आखिर में बीजेपी आलाकमान ने मुहर लगाई योगी आदित्यनाथ के नाम पर.
कानून-व्यवस्था, गोकशी पर नकेल, अवैध बूचड़खानों पर रोक और अपराधियों के घरों पर बुलडोजर चलाने जैसे फैसलों ने जनता के बीच उन्हें और पॉपुलर बना दिया. कई बार सोशल मीडिया पर योगी फॉर पीएम जैसे हैशटैग भी ट्रेंड करते नजर आते हैं. 2022 के चुनाव में जब बीजेपी जीती तो पार्टी में योगी आदित्यनाथ का कद और बढ़ गया. चर्चा तो यहां तक है कि योगी को बीजेपी के संसदीय बोर्ड में शामिल किया जा सकता है. नरेंद्र मोदी के बाद बीजेपी के दो सबसे बड़े नेताओं में ज्यादा कौन पावरफुल है, इसका जवाब शायद वक्त के ही पास है.