गृहस्थी योजना का अनुचित लाभ ले रहे लोगों के लिए बुरी खबर है। वह जल्दी ही इसका मोह छोड़कर अपने कार्ड निरस्त कराने को सरेंडर कर दें।ऐसा नहीं करने पर जांच के दौरान यदि वे अपात्र होने के बावजूद योजना का अनुचित लाभ लेते पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह चेतावनी शासन के निर्देश पर रामपुर के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड के द्वारा दी गई है।
दरअसल राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के अन्तर्गत पात्र गृहस्थी राशनकार्डाें का लक्ष्य पूर्ण होने के कारण नवीन राशनकार्ड जारी नहीं हो पा रहे हैं। राशन कार्ड में यूनिट वृद्धि भी नहीं हो रहा है। प्रशासन के संज्ञान में आया है कि कुछ अपात्र परिवार तथ्य छिपाकर इस योजना का अनुचित लाभ ले रहे हैं, इसलिए उन्हें सलाह दी गई है कि वें तत्काल अपना राशनकार्ड सरेंडर कर निरस्त करा लें।
उन्होंने बताया कि शासनादेश के तहत ग्रामीण क्षेत्र के ऐसे लोग इस योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र नहीं है, जो आयकर दाता हों, परिवार में किसी भी सदस्य के स्वामित्व में चार पहिया वाहन अथवा ट्रैक्टर हार्वेस्टर, एसी अथवा पांच केवी या उससे अधिक क्षमता का जनरेटर हो। शहरी क्षेत्र के ऐसे परिवार जिसके किसी भी सदस्य के पास अकेले या अन्य सदस्य के स्वामित्व में 100 वर्ग मीटर से अधिक का स्वअर्जित आवासीय प्लाट या उस पर स्वनिर्मित मकान अथवा 100 वर्ग मीटर से अधिक कार्पेट एरिया का आवासीय फ्लैट हो।
परिवार में किसी सदस्य के स्वामित्व में अकेले या अन्य सदस्य के साथ 80 वर्ग मीटर या उससे अधिक कार्पेट एरिया का व्यवसायिक स्थान हो, ग्रामीण क्षेत्र के ऐसे परिवार जिनके किसी सदस्य के पास अकेले या अन्य सदस्य के स्वामित्व में पांच एकड़ से अधिक सिंचित भूमि हो, समस्त सदस्यों की आय दो लाख प्रतिवर्ष से अधिक हो एवं शहरी क्षेत्र के ऐसे परिवार जिनके समस्त सदस्यों की आय तीन लाख प्रतिवर्ष से अधिक हो और जिन परिवार के सदस्यों के पास एक से अधिक शस्त्र लाईसेंस हों, वें अपात्रता की श्रेणी में आते हैं।
यदि सत्यापन के समय जांच में अपात्र परिवार खाद्यान्न प्राप्त करते पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। जिस दिनांक से वे खाद्यान्न प्राप्त कर रहे है, का आंकलन करते हुए खाद्यान्न की वसूली बाजार मूल्य की दर से की जाएगी। इसके अतिरिक्त अन्त्योदय (लाल कार्ड) अन्न योजना के लिए वह परिवार पात्र है, जिनके पास ग्रामीण क्षेत्र में अपनी जमीन न हो, ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र के शहर में अपना पक्का मकान न हो, ग्रामीण क्षेत्र में कोई निश्चित व्यवसाय न हो, ग्रामीण क्षेत्र में भैस, बैल, ट्रैक्टर ट्राली न हो, ग्रामीण क्षेत्र में मुर्गी पालन, गौ पालन आदि न हो इत्यादि शामिल हैं।