
नैमिषारण्य: ’88 हज़ार’ ऋषियों की तपस्थली में नवरात्रि की धूम
नैमिषारण्य, सीतापुर:
आनंद तिवारी/नैमिष टुडे
पावन नैमिषारण्य क्षेत्र में शारदीय नवरात्रि का पर्व बड़े ही उत्साह और पारंपरिक श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है. मान्यता है कि यह वही भूमि है जहां 88 हज़ार ऋषियों ने तपस्या की थी, और इन्हीं ऋषियों की भूमि पर मां ललिता देवी की दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जा रही है.
नवरात्रि के पहले दिन से ही यहां स्थित चक्रतीर्थ, व्यास गद्दी, सूत गद्दी, ललिता देवी मंदिर और दधिचि कुंड सहित अन्य तीर्थ स्थलों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. सुबह से ही भक्तगण चक्रतीर्थ में डुबकी लगाकर अपनी यात्रा का आरंभ कर रहे हैं, जिसके बाद वे माता ललिता देवी के मंदिर में दर्शन के लिए पूरा दिन जाते रहे हैं.
मंदिरों को फूलों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया है. जगह-जगह धार्मिक आयोजन, भजन-कीर्तन व पाठ किया जा रहा है. इस दौरान, कई भक्त नौ दिनों का उपवास रखते है, मंदिर मे नवरात्रि के विशेष प्रसाद का वितरण किया जा रहा है.
स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के कड़े इंतज़ाम किए हैं. तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं और पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है ताकि भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो.
नैमिषारण्य में नवरात्रि का यह उत्सव न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह इस प्राचीन तीर्थस्थल के गौरव और आध्यात्मिकता को भी दर्शाता है. यह नौ दिवसीय उत्सव विजयदशमी के दिन समाप्त होगा.