गतिहीन और तनावपूर्ण जीवनशैली के साथ अस्वस्थ्यकर भोजन की आदतें गैर संक्रमणकारी रोगों की संख्या में बढ़ोतरी कर रहे हैं
वर्तमान परिस्थितियों में शारीरिक फिटनेस और मानसिक सतर्कता बनाए रखने के लिए योग, व्यायाम, पौष्टिक भोजन प्रथा अपनाना स्वस्थ जीवन की कुंजी – एड किशन भावनानी
गोंदिया – वैश्विक स्तरपर वर्तमान परिपेक्ष में अभी तीसरा वर्ष शुरू है, परंतु कोरोना महामारी पूरी तरह से काबू में नहीं आ पाई है। बल्कि उनके अनेक वेरिएंट्स समय-समय पर आ रहे हैं और मनीषियों को नुकसान पहुंचाकर डर का माहौल पैदा करने में कामयाब हो रहे हैं,जिसमें स्वास्थ्य और आर्थिक दोनों स्तरपर हमें व्यक्तिगत और राष्ट्रीय स्तरपर नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसलिए अब समय आ गया है कि हम वर्तमान परिस्थितियों में अपने शारीरिक फिटनेस और मानसिक सतर्कता उच्च स्तरपर बनाए रखने के लिए योग, व्यायाम, पौष्टिक भोजन प्रथा को गंभीरता से अपनाना शुरू करें जो स्वस्थ्य जीवन की अनमोल कुंजी है।
साथियों क्योंकि वर्तमान समय में हमारी गतिहीन और तनावपूर्ण जीवन शैली के साथ अस्वस्थ्यकर भोजन भी हमारी आदतें गैर संक्रमणकारी रोगों और उपयुक्त कोविड व्यवहार को नजरंदाज करने की हमारी आदत से संक्रमण फैलने में भी बढ़ोतरी हो रही है जो अभी हाल ही के कुछ दिनों से हम टीवी चैनलों प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से देख रहे हैं कि कुछ राज्यों में अभी मरीजों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है जिसे अभी तथाकथित चौथी लहर का नाम दिया जा रहा है।
दिल्ली यूपी सहित कुछ राज्यों में मास्क अनिवार्य किया गया है महाराष्ट्र में भी विचार चालू है अन्य सरकारें भी परिस्थिति जन्य मरीजों की संख्या मैं वृद्धि पर सतर्क हो गई है और यूपी दिल्ली सहित कुछ राज्यों में कड़क कदम उठाए जा रहे हैं वही दिनांक 27 अप्रैल 2022 को माननीय पीएम द्वारा भी गंभीरता से लेते हुए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की एक वर्चुअल बैठक भी इस मुद्दे पर बुलाई गई जिसमें गहन मंथन किया गया क्योंकि मज़बूत स्वस्थ्य मिशन से ही समृद्ध भारत होगा इसलिए हम मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर सहित प्रत्येक नागरिक को इस मिशन में भागीदार होना होगा और अपने जीवन को परिस्थितियों के अनुसार जीवन शैली में बदलाव लाकर शासन प्रशासन को व्यवस्था रूपी यज्ञ में सहयोग रूपी आहुति देनी होगी।
साथियो बात अगर हम दिनांक 27 अप्रैल 2022 को पीएम द्वारा सभी राज्यों के सीएम से वर्चुअल मीटिंग की करें तो पीआईबी के अनुसार उन्होंने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में केंद्र और राज्य के सामूहिक प्रयासों के बारे में चर्चा की। उन्होंने मुख्यमंत्रियों, अधिकारियों और सभी कोरोना योद्धाओं के प्रयासों के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि कोरोना की चुनौती पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। ओमाइक्रोन और इसके सब-वेरिएंट समस्या पैदा कर सकते हैं, जैसा कि यूरोप के कई देशों के मामले में देखा जा रहा है। सब-वेरिएंट से कई देशों में कोविड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत कई देशों की तुलना में स्थिति से बेहतर तरीके से निपटने में सक्षम है। उन्होंने कहा, फिर भी, पिछले दो हफ्तों में, कुछ राज्यों में बढ़ते मामलों से पता चलता है कि हमें सतर्क रहने की जरूरत है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कुछ राज्यों में हाल ही में कोविड के मामलों में वृद्धि के बारे में बात की, और परीक्षण, ट्रैक, उपचार, टीकाकरण का पालन करने और कोविड के अनुकूल व्यवहार को सुनिश्चित करने की आवश्यकता के बारे में बताया। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने एक प्रस्तुति दी जिसमें उन्होंने दुनिया के कई देशों में मामलों के बढ़ने पर चर्चा की, साथ ही भारत के कुछ राज्यों में मामलों के बढ़ने पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने राज्यों को नियमित रूप से डेटा की निगरानी और रिपोर्ट करने, प्रभावी निगरानी बनाए रखने, बुनियादी ढांचे के उन्नयन और केंद्र द्वारा दिए गए धन का उपयोग करने की आवश्यकता के बारे में बताया।
पीएम नें संतोष व्यक्त किया कि अधिक से अधिक बच्चों को वैक्सीन मिल रही है। उन्होंने कहा कि मार्च में 12-14 वर्ष की उम्र के लिए टीकाकरण का अभियान शुरू किया गया था और कल ही 6-12 वर्ष के बच्चों के लिए कोवैक्सीन के टीके की अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा, हमारी प्राथमिकता सभी योग्य बच्चों का जल्द से जल्द टीकाकरण करना है। इसके लिए पहले की तरह स्कूलों में भी विशेष अभियान चलाने की जरूरत होगी। शिक्षकों और अभिभावकों को इसके बारे में पता होना चाहिए।
साथियों बात अगर हम माननीय उपराष्ट्रपति द्वारा दिनांक 28 अप्रैल 2022 को एक कार्यक्रम में संबोधन की करें तो पीआईबी के अनुसार उन्होंने एक मजबूत, स्वस्थ और समृद्ध भारत के निर्माण के लिए व्यापक प्रयासों का आह्वान किया। इसके लिए उन्होंने निजी संस्थानों,बड़े व्यापार घरानों और व्यक्तियों से स्वास्थ्य सेवा में सरकारी पहलों को आगे बढ़ाने को लेकर अपना समय व संसाधन खर्च करने का अनुरोध किया।
उन्होंने युवाओं के बीच फास्ट फूड कल्चर का उल्लेख करते हुए उन्हें पारंपरिक रूप से तैयार व पौष्टिक भोजन करने की सलाह दी। इसके अलावा उन्होंने युवाओं के समग्र स्वास्थ्य में सुधार के लिए प्रकृति की गोद में कुछ समय गुजारने की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश में गतिहीन और तनावपूर्ण जीवन शैली के साथ अस्वास्थ्यकर भोजन की आदतें गैर- संक्रमणकारी रोगों की संख्या में बढ़ोतरी कर रही हैं। उन्होंने सभी लोगों से, विशेषकर युवाओं से शारीरिक फिटनेस और मानसिक सतर्कता बनाए रखने के लिए योग जैसी नियमित शारीरिक गतिविधियां करने का अनुरोध किया। उन्होंने चिकित्सा क्षेत्र के समुदाय से लोगों के बीच निवारक स्वास्थ्य देखभाल के महत्व और एक स्वस्थ जीवन शैली के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने का आह्वान किया।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि मज़बूत स्वस्थ्य और समृद्ध भारत मिशन। गतिहीन और तनावपूर्ण जीवनशैली के साथ अस्वस्थ्यकर भोजन की आदतें गैर संक्रमणकारी रोगों की संख्या में बढ़ोतरी कर रही है। वर्तमान परिस्थितियों में शारीरिक फिटनेस और मानसिक सतर्कता बनाए रखने के लिए योग, व्यायाम, पौष्टिक भोजन प्रथा अपनाना स्वस्थ जीवन की कुंजी है।
-संकलनकर्ता लेखक – कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र