
आगरा उत्तर प्रदेश, बृजेश नारायण सिंह परिवहन आयुक्त उ. प्र. एवं नोडल अधिकारी जनपद आगरा ने विकास कार्यों की परियोजनाओं का मौके पर किया भौतिक सत्यापन
शासन की मंशानुरूप समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण हो निर्माण कार्यः- बृजेश नारायण सिंह
बृहद गौशाला गोबरा,नराइच व जलजीवन मिशन के अंतर्गत हर घर जल योजना ग्राम पंचायत अरदाया तथा निर्माणाधीन सिविल टर्मिनल एयरपोर्ट का किया निरीक्षण
विष्णु सिकरवार
आगरा। शनिवार को बृजेश नारायण सिंह,आई.ए.एस., परिवहन आयुक्त उ.प्र. एवं नोडल अधिकारी जनपद आगरा ने विकास कार्यों की परियोजनाओं का मौके पर भौतिक सत्यापन किया।
गौरतलब है कि शासन द्वारा प्रदेश के सभी जनपदों में नोडल अधिकारी नामित कर, जल जीवन मिशन के अन्तर्गत हर घर नल, गो-आश्रय स्थल एवं रू० 50 करोड़ से अधिक लागत की परियोजनाओं का भौतिक सत्यापन, प्रगति, प्रोजेक्ट की समय सीमा के अंतर्गत कार्य, लंबित प्रोजेक्ट के कारण आदि बिंदुओं पर योजनाओं का भौतिक सत्यापन कर 26 मई तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे।
बृजेश नारायण सिंह, आई.ए.एस., परिवहन आयुक्त उ.प्र. एवं नोडल अधिकारी जनपद आगरा द्वारा सर्वप्रथम बृहद गौशाला ग्राम पंचायत गोबरा, अछनेरा का निरीक्षण किया गया, निरीक्षण में गौशाला बनने में आई लागत, कुल भूसा संग्रह, जल तथा छाया की व्यवस्था, इयर टैगिंग, बीमार गायों का उपचार, हरे चारे तथा लिंक्ड भूमि, केयर टेकर आदि की जानकारी तलब की, जिसमें बताया गया कि एक करोड़ बीस लाख की लागत से चार शेड, दो भूसा गोदाम, पानी की टंकी का यूपीसीडको द्वारा निर्माण किया गया, वर्ष 2023 में प्रोजेक्ट हैण्डओवर किया गया। गौशाला में प्रतिदिन 30 कुण्टल भूसा की खपत है तथा लगभग 587 गाय संरक्षित हैं, दस कर्मचारी कार्यरत हैं। नोडल अधिकारी द्वारा पेयजल की जांच न कराने, खराब हैण्डपम्प तथा बीमार गायों की उचित देख-रेख न होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। सीवीओ ने बताया कि 0.8 हैक्टेयर भूमि लिंक्ड है, जो कि ऊसर है, भूसा हरा चारा सभी बाहर से खरीद किया जाता है, नोडल अधिकारी द्वारा गौशाला के संचालन के बारे में जानकारी प्राप्त करने पर बताया गया कि ग्रामपंचायत द्वारा एनजीओं को संचालन की व्यवस्था सूपूर्द की गई है, जिसे 50 रू0 प्रति गाय के हिसाब से भुगतान किया जाता है। सम्बन्धित एनजीओं के कागजात तलब करने पर पाया कि ग्रामसभा द्वारा प्रारम्भ में एक साल का एनजीओ से करार किया गया था, लेकिन सचिव ने बिना ग्राम सभा के प्रस्ताव के उसे पांच वर्ष का कर दिया, नोडल अधिकारी ने इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त कर जांच करने के निर्देश दिए तथा गौशाला में गायों की उचित देख-भाल न होने, एनजीओ की गौशाला से आय व्यय के उचित अभिलेख न होने पर पंचायत सचिव, ग्राम प्रधान व एनजीओ प्रतिनिधि को कड़ी फटकार लगाई तथा गांव वालों से वार्ता की।
तत्पश्चात नोडल अधिकारी ग्राम पंचायत अरदाया पहुंचे, जहां जल जीवन मिशन ग्रामीण के अन्तर्गत हर घर जल योजना का निरीक्षण किया, जिसमें पाया कि पंचायत की ऊंचे स्थानों पर बसी बस्ती व गरीब आमजन के घर सुचारू रूप से जलापूर्ति नहीं है, उन्होंने गांव का पुनः सर्वे कर प्रत्येक घर तक जलापूर्ति करने, जल के प्रेशर का प्रेशर बढ़ाने हेतु तकनीकी उपाय करने तथा जल जांच टीम द्वारा पेयजल की जांच कर पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए, नोडल अधिकारी ने विभिन्न मोहल्लों में जाकर महिलाओं से बात की तथा प्रभावी जलापूर्ति न होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। नोडल अधिकारी महोदय द्वारा रू0 50 करोड़ से अधिक लागत की परियोजनाओं के भौतिक सत्यापन, प्रगति की जांच हेतु निर्माणाधीन सिविल टर्मिनल एयरपोर्ट पहुंचे तथा साइट का निरीक्षण किया, जिसमें बताया गया कि सिविल टर्मिनल 441.79 करोड़ की लागत से 144.07 एकड़ भूमि पर निर्माणाधीन है तथा जुलाई 2026 तक पूर्ण किया जाना है, नोडल अधिकारी महोदय ने प्रोजेक्ट हेतु विभिन्न एनओसी प्राप्त किए जाने की जानकारी ली, जिसमें बताया गया कि इनवायरमेंट, पॉल्यूशन भवन की ऊंचाई, ड्रॉइंग एप्रुअल आदि एनओसी की जरूरत थी, जिसमें प्रक्रिया गतिमान है। प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने बताया कि साइट पर 121 वृक्ष हटाये जाने थे, जिस हेतु 4130 पेड़ लगाये जा चुके हैं, इस हेतु शीघ्र ही मा0 न्यायालय में शपथ पत्र दाखिल कर वृक्ष पातन की कार्यवाही की जायेगी एवं टर्मिनल की भूमि से पड़ोसी गांव हेतु मार्ग संचालित है, जिसको बन्द किया जाना है तथा वैकल्पिक मार्ग हेतु भूमि अधिग्रहण किया जाना है, जिस हेतु शासन से धनराशि प्राप्त हो गई है, जल्द ही वैकल्पिक मार्ग का निर्माण कर लिया जायेगा।
तत्पश्चात नोडल अधिकारी द्वारा कान्हा गौशाला नारायच का निरीक्षण किया गया, जिसमें पाया कि गौशाला में कुल 2619 गौवंश हैं, जिसमें 2351 गाय तथा 268 नंदी है। गौशाला में चिकित्सीय सुविधा हेतु पशु चिकित्सा अधिकारी के अलावा 02 चिकित्सक संविदा पर तैनात है तथा 28 केयरटेकर व 02 सुपरवाइजर तैनात है।
मुख्य पशुचिकित्साधिकारी ने बताया कि गौशाला पीपीपी मॉडल पर संचालित है, जिसके तहत नगर निगम प्रति गौवंश 60 रुपए खाना व रख रखाव के लिए संस्था को दिया जाता है तथा सफाई स्वास्थ्य विद्युत पानी आदि की व्यवस्था नगर निगम द्वारा की जा रही है। नोडल अधिकारी द्वारा पूछे जाने पर संस्था द्वारा बताया गया कि प्रति गौवंश लगभग 75 रुपए का खर्च आता है, जिसमें गौवशों को दिए जाने वाले हरा चारा,भूसा तथा चोकर की कीमत के अलावा कार्यरत कार्मिकों का वेतन भी सम्मिलित है।
निरीक्षण के दौरान द्वारा पाया गया कि सभी व्यवस्थाएं अच्छी हैं और उन्होंने गौशाला के रख-रखाव एवं सफाई व्यवस्था की प्रशंसा भी की। निरीक्षण के दौरान बताया गया कि गोवंशों को गर्मी से बचाव हेतु स्प्रिंकलर के माध्यम से जल का छिड़काव किया जाता है तथा शेड के अलावा ग्रीन नेट लगाकर उन्हें धूप से बचाया जाता है। गौशाला के आय व्यय की जानकारी करने पर बताया गया कि गौशाला से गोबर को कुबेरपुर स्थित कंपोस्ट खाद बनाने के लिए प्लांट में भेजा जाता है, यह प्लांट पीपीपी मॉडल पर संचालित है, जिसमें संस्था तथा नगर निगम के मध्य पार्टनरशिप में कार्य किया जाता है। पिछले वर्ष नगर निगम को कंपोस्ट खाद से आठ लाख रुपए की आय हुई थी। महोदय द्वारा आय बढ़ाने के अन्य स्रोत खोजे जाने के निर्देश दिए गए, जिस पर बताया गया कि कंपोस्ट खाद प्लांट के पास में ही गोबर गैस प्लांट का प्रोजेक्ट लगाए जाने हेतु प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है, इसके अलावा नगर निगम द्वारा गोबर पेंट आदि के बारे में भी विचार कर रही है। महोदय द्वारा गौवंशों की गौ आश्रम पोर्टल पर फीडिंग ना होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिए की गौशाला में संरक्षित सभी गोवंशों का पोर्टल पर अपडेशन सुनिश्चित किया जाए।
निरीक्षण में मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती प्रतिभा सिंह, अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे जुबेर बेग, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डी के पाण्डेय, एयरपोर्ट अथारिटी आफ इण्डिया के प्रोजेक्ट डायरेक्टर योगेन्द्र सिंह तोमर सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण आदि उपस्थित रहे।