
गद्दी बनी अखाड़ा नहीं घोषित हो सका निबोष आश्रम का उत्तराधिकारी
बेनीगंज/हरदोई_बेनीगंज कोतवाली के नैमिश परिक्रमा मार्ग के निबोश आश्रम में सेवायत को लेकर हुए बिवाद में प्रसिद्ध नैमिष धाम मंडल के संत महंतों, ग्रामीणों, व पुलिस का भारी जमावड़ा रहा। गिरधरपुर प्रधान सहित ग्रामीण एवं यहाँ के महंत मनीराम दास की हत्या के बाद मंदिर के मुखिया बनाये जाने की आवाज जोर पकड़ती। वहीं स्वर्गीय रामस्वरूप दास उर्फ़ निमिया बाबा जो इस मंदिर के मुखिया द्वारा नियुक्त मनीराम दास के भाई आत्माराम को मंदिर का पुजारी व मुखिया के रूप में यहाँ आये संत महात्माओं ने नियुक्त किया। आज यहाँ नैमिष परिक्रमा महामंडलेश्वर पहला आश्रम नन्हक्कू दास व संतोष दास, मदनमोहन दास अयोध्या, माधव दास अयोध्या सहित बड़ी संख्या में संत महत्मा उपस्थित रहे। निबोश मंदिर आश्रम काफ़ी पुराना है। यहाँ स्थित सूर्य मंदिर के साथ ही भगवान शिव का पुराना मंदिर है। 84 कोसी परिक्रमा पड़ाव स्थल होने के कारण बड़ी संख्या में परिक्रमार्थी और पर्यटक भी यहाँ आते है। चढ़ावे के रूप में अच्छी वार्षिक आय होती है। वहीं आसपास के दर्जनों गाँवो के लोग बच्चों के मुंडन संस्कार कार्यक्रम कराते हैँ। ग्रामीणों ने बताया कि मनीराम की 2024 में हत्या होने के बाद बाबा दिनेश दास ने खुद को उनका उत्तराधिकारी बताकर महंत घोषित कर कब्ज़ा कर लिया था जिसे आज संतो और महात्माओं ने अवैध घोषित कर दिया तथा मंदिर परिसर में प्रसासन का ताला डलवाने की जोर शोर से मांग रखी। पुलिस ने मामले को देखते हुए आने वाले दिनों में बैठ कर समाधान करने का आश्वासन दिया। संतों का कहना था कि स्वर्गीय मनीराम दास के छोटे भाई आत्माराम दास को उत्तराधिकारी नियुक्त होना चाहिए। मौके पर मौजूद बहुत से लोगों ने बाबा दिनेश दास के कार्य व्यवहार पर गम्भीर सवाल भी उठाए जिससे दोनों पक्षों के समर्थकों में पुलिस की मौजूदगी में गहमा गहमी और नोकझोंक होती रही। पुलिस ने भी सतर्कता दिखाते हुए एक पक्ष के कुछ लोगों को मंदिर के नीचे भाग दिया। जानकारों के अनुसार उक्त मंदिर में पंद्रह बीघे जमीन तथा लगभग 100 बीघे का विशाल तालाब सम्पति के रूप में मौजूद है। आने वाले चढ़ावे की रकम से सितंबर के महीनो में प्रति वर्ष रामलीला होती है और अगस्त के महीने में रविवार को मेला लगता है। पुलिस बल के साथ मौजूद कोतवाल संजय त्यागी ने स्थिति का गंभीरता से जायजा लिया और सभी को बिवाद से बचने कि हिदायत दी। वहीं सैकड़ो साधु मौजूद रहे।