निर्देश न मानने पर मान्यता होगी रद्द:अपर शिक्षा निदेशक
विष्णु सिकरवार
आगरा। निजी कालेजों में तैनात शिक्षकों के जीवन में थोडी सी हरियाली आने वाली है कारण देर से ही सही प्रदेश सरकार ने निजी कालेजों पर थोडा करेंट लगा दिया हैं। जिससे निजी शिक्षा माफिया तडफने लगे है और बचाव के लिये हथकंडे ढूढना शुरू कर दिये है। फिलहाल सरकार ने अपनी मंशा से निजी कालेजों के संचालकों को अवगत करा दी है साथ ही निर्देश का कडाई से पालन कराने की जिम्मेदारी जिविनि को दी है।
निजी कॉलेज संचालकों द्वारा अपना और अपने परिवार का भविष्य उज्जवल कर लिया जाता है ऊची विलडिग और अन्य सुबिधाएं भी जुटा ली जाती है। जिसे देखकर अभिभावक भी अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना के साथ एडमिशन करा दिया जाता है। किंतु क्या कभी इसी बात पर भी ध्यान देता है कि जिनके ( शिक्षक) कंधे पर उज्जवल भविष्य की कमान है वे खुद ही नही बल्कि वह परिवार सहित भूखे है। ऐसे में क्या इन शिक्षकों से उत्तम शिक्षा और उज्जवल भविष्य की उम्मीद की ज सकती है सहज अनुमान लगाया जा सकता है।
सरकार की मंशा से निजी कालेजों में तैनात माध्यमिक शिक्षकों में एक उजाले की किरण आई है मगर वह किरण शिक्षक के चौखट तक पहुचे तो शायद शिक्षक थोडी राहत की सांस लें। फिलहाल सरकार ने साफ कर दिया है कि निजी कालेजों में तैनात शिक्षकों को संचालक हर माह कम से कम 15 हजार रुपये वेतन के तौर पर देंगे वह भी शिक्षक को चेक अथवा बैंक खाते में। जिला विद्यालय निरीक्षक दिनेश कुमार का यदि मोबाइल नं 9368056148 यही है तो यह नही उठाते है कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया मगर एक बार भी जिविनि ने फोन नही उठाया। लगता है कि जिविनि चंद लोगों का ही उठाते है। जवकि शासन का आदेश है कि अधिकारी फोन अवश्य उठाएं। फिलहाल सीयूजी नं 9454457608 बंद रहता हैं।
आदेश का पूर्णतया पालन कराने की जिम्मेदारी विभाग के अधिकारियों को दी गयी है उलंघन पर मान्यता हरण की कार्यवाही होगी।