
आगरा लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल के खिलाफ शनिवार को क्षत्रिय महासभा ने पोस्टर चस्पा कर दिए हैं। उनके खिलाफ रविवार आज मुड़ी चौराहे पर क्षत्रिय समाज के लोगों की होगी महापंचायत
विष्णु सिकरवार
आगरा। 2019 के लोकसभा चुनाव में 2.11 लाख वोटों से जीत दर्ज करने वाले एसपी सिंंह बघेल के लिए इस बार मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। एक पीड़ित परिवार की मदद करना उनके लिए परेशानी का कारण बन रहा है। क्षत्रिय समाज के लोगों ने उन पर निर्दोषों को फंसाने का आरोप लगाया है। इसके विरोध में शनिवार को एसपी सिंह बघेल के खिलाफ पोस्टर चस्पा किए गए हैं। साथ रविवार आज समाज की बाइसी में एक बड़ी महापंचायत की जा रही है। जिसमें बीजेपी उम्मीदवार एसपी सिंह बघेल का चुनाव बहिष्कार का निर्णय लिया जाएगा।
एसपी सिंह बघेल आगरा लोकसभा सीट से सांसद हैं। वे इस बार भी भाजपा से प्रत्याशी घोषित किए गए हैं, लेकिन उनके समर्थक ही अब उनके लिए परेशानी का कारण बन रहे हैं। दरअसल मामला 17 फरवरी का है। खंदौली थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी। पीडि़त परिवार का आरोप है कि उसके साथ क्षत्रिय समाज के युवक छेडख़ानी करते थे। जिससे आहत होकर उसने फंदे पर लटककर अपनी जान दे दी।
इस मामले की जानकारी होते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल ने पीडि़त परिवार से मुलाकात की। इसके बाद पुलिस टीम हरकत में आई। पुलिस अधिकारियों ने तथ्य छिपाने वाले थाना प्रभारी, चौकी इंचार्ज समेत तीन को सस्पेंड कर दिया। साथ ही नामजद चार आरोपियों में से एक कलुआ को अरेस्ट कर लिया। इस कार्रवाई को द्वेषपूर्ण बताते हुए क्षत्रिय समाज में एसपी सिंह बघेल के खिलाफ आक्रोश फैल गया। क्षत्रिय समाज का कहना है कि मृतक लड़की के परिजनों पर कर्जा था इसलिए उनको झूठा फंसाकर कर्जा नहीं देना चाहते है है।
वही केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल का कहना है कि अपराधी को बचाने की पंचायत की जा रही है। एक लडक़ी जो अगले दिन पुलिस भर्ती की परीक्षा देने जा रही थी उसे आत्महत्या करनी पड़ी। उन्होंने बताया कि घटना के सात दिन बाद वे उस पीडि़त परिवार से मिले थे। इससे पहले वे चुनावी दौरे पर प्रदेश से बाहर थे। जब वे परिवार से मिलने गए तो मामला समझने में देर नहीं लगी। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से सिर्फ इतना कहा था कि निर्दोष जेल नहीं जाना चाहिए और अपराधी बचना नहीं चाहिए।
इसके बाद पुलिस एक्शन में आ गई। घटना के 13 दिन बाद पुलिस ने मामले की गहनता से जांच की। जांच में तथ्य छिपाने वाले थाना प्रभारी अजय कुमार, चौकी इंचार्ज बलराम सिंह समेत तीन पुलिस कर्मी सस्पेंड हो गए। नामजद चार आरोपियों में से कलुआ नामक एक आरोपी को अरेस्ट किया गया है। उन्होंने कहा है कि आरोपियों ने लडक़ी के माता पिता को भी पीटा था। जब उसे कोई रास्ता नहीं समझ आया तो उसने आत्महत्या की थी।
क्षत्रिय महासभा के मनोज सिकरवार ने कहा है कि एसपी सिंह बघेल ने बघेल जाति का पक्ष लेकर क्षत्रिय समाज के चार निर्दोष लोगों पर झूठा केस दर्ज कराया है। मामला कुछ रुपयों के लेनदेन का है। जिस लडक़ी ने आत्महत्या की है। उसका परिवार पहले आरोपी पक्ष के घर में रहता था। मकान बनवाने के लिए बघेल पक्ष ने पांच लाख रुपये उधार लिए थे। जब पैसे मांगे तो ये सब ड्रामा रचा गया। लडक़ी को मारकर रस्सी में आग लगा दी है गई ताकि उस पर फिंगर प्रिंट ना आ जाएं। ये मामला झूठा है। रविार को इसके विरोध में महापंचायत होगी।
क्षत्रिय समाज के लोगों का कहना है कि जिस परिवार पर केस दर्ज कराया है। वो केस वापस लिया जाए। साथ ही क्षत्रिय समाज के परिवार के पांच लाख रुपये लौटा दिए जाएं। तभी मामला शांत होगा। नहीं तो चुनाव का बहिष्कार होगा। इसके साथ ही जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। महापंचायत में हजारों लोगों को जुटने की अपील की है। मुड़ी चौराहे पर रविवार सुबह पंचायत होगी।