किसानों का सर्वे से लेकर तौल तक किया जा रहा शोषण,दोगुनी आमदनी की जगह अपनी उपज बेचना भी हुआ दुश्वार।निजी चिकित्सालय में उपचार के बाद स्थिति में सुधार।सांडा (सीतापुर) दि सेक्सरिया शुगर फैक्ट्री बिसवां के मिल क्षेत्रीय गांव बगहाढांक के निवासी एक किसान का गन्ना कार्यालय के चक्कर लगाने के बाद भी गन्ना सर्वे न हो पाने के चलते किसान को सस्ते मूल्य पर गाना बेचना भारी पड़ गया। किसान के द्वारा कम मूल्य पर गन्ना बेचने पर फैक्ट्री की मनमानी से आहत किसान की पत्नी का स्वास्थ खराब होने पर एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहां स्थिति सामान्य होने पर उसे घर भेज दिया गया है।ग्राम बगहाढांक निवासी किसान अशोक कुमार ने बताया कि दि सेक्सरिया शुगर फैक्ट्री बिसवां अंतर्गत छोटे गन्ना किसान है जिसका 2953/71 कोड नम्बर है उनके द्वारा अपने आठ बीघे के खेत में गन्ने की फसल लगाई गई थी। किसी कारणवश उनके गन्ने की फसल का सर्वे छूट गया था। फैक्ट्री चालू होते ही किसान के द्वारा लगातार फैक्ट्री और गन्ना समिति के अधिकारियों से संपर्क किया जाता रहा सभी के आश्वासन मिलने पर किसान उम्मीद लगाए बैठा रहा परंतु अंततः उसके गन्ने की फसल को दर्ज न किए जाने व लंबे समय तक इंतजार करने के बाद निराश, मजबूर किसान ने अपने गन्ने को सस्ते मूल्य पर गुड़ भट्ठी पर औने पौने दामों में बेंच दिया इस घटना से आहत उसकी पत्नी का स्वास्थ्य इस तरीके से बिगड़ा कि उसे एक प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया जहां दूसरे दिन उसकी हालत सामान्य होने पर उसे घर लाया गया। किसान ने यह भी बताया कि क्षेत्रीय गन्ना पर्यवेक्षक से संपर्क के साथ-साथ उनके नंबर पर बात भी की गई परंतु गन्ना सर्वे न हो सका। घटना को लेकर किसान यूनियन जनमंच के जिलाध्यक्ष रामशंकर सिंह के साथ साथ प्रमोद वर्मा, सुशील राज, आदित्य तिवारी आदि किसान संघ के लोगों में काफी रोष व्याप्त है।भाकियू जनमंच जिलाध्यक्ष रामशंकर सिंह ने बताया यदि पीड़ित किसान के साथ नहीं हुआ न्याय और हठधर्मी गन्ना समिति ने नहीं बंद करवाई घटतौली तो संगठन के द्वारा उठाया जाएगा ठोस कदम।इस संबंध में क्षेत्रीय गन्ना विकास निरीक्षक प्रभात सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि महीने में एक बार साइड खुलती है तभी सर्वे अपडेट होता है। मामला मेरे संज्ञान में नहीं है नहीं तो अब तक सर्वे अपडेट करवा दिया जाता है। किसान की पत्नी के अस्वस्थ होने के और भी कारण हो सकते हैं।